माल्या-जेटली विवाद पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर दागे ये 6 सवाल?

नई दिल्ली। विजय माल्या और वित्त मंत्री अरुण जेटली की मुलाकात पर उठ रहे सवाल के बीच विपक्ष में बैठी कांग्रेस ने सत्तारूढ़ बीजेपी से 6 सवालों के जवाब मांगे हैं. इन सवालों को  खड़ा करते हुए कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार फ्लीस, फ्लाई एंड सेटल अब्रॉड की नीति पर ट्रैवल एजेंसी चला रही है.

वहीं, भगोड़े कारोबारियों की सत्तारूढ़ पार्टी के साथ सांठगांठ पर सुरजेवाला ने तंज कसते हुए कहा कि आखिर ऐसा क्यों है कि देश से भागने वाले प्रमुख कारोबारी देश छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री अथवा वित्त मंत्री से मुलाकात करते हैं? सुरजेवाला ने दावा किया कि नीरव मोदी के भागने की खबर आने के बाद उसे आखिरी बार प्रधानमंत्री के साथ फोटो में देखा गया. मेहुल चोकसी को भी फरार होने से पहले आखिरी बार प्रधानमंत्री के साथ देखा गया. वहीं अब नए तथ्य बता रहे हैं कि किंगफिशर कारोबारी विजय माल्या ने भी देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की और मुलाकात के 24 घंटे के अंदर पर देश से फरार हो  गया.

ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार, वित्त मंत्रालय और बीजेपी से इन 6 सवालों का  जवाब चाहती है:

सवाल नं 1

आखिर क्यों विजय माल्या के खिलाफ 9,000 करोड़ रुपये की बैंक धांधली में कोई कारवाई नहीं की गई. जबकि सीबीआई ने 29 जुलाई 2015 को विजय माल्या के खिलाफ वित्तीय अनियमितता और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एफआईआर दर्ज कर ली थी.

सवाल नं 2

आखिर विजय माल्या के लुक आउट नोटिस में बदलाव करने का आदेश किसने दिया. जहां 16 अक्टूबर 2015 को दिए गए लुक आउट नोटिस में विजय माल्या की गिरफ्तारी की बात कही गई वहीं 23 नवंबर 2015 को जारी नोटिस में सिर्फ सूचना देने की बात कही गई.

सवाल नं 3

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में कर्ज देने वाले 17 बैंकों ने 28 फरवरी 2016 को डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया. ट्रिब्यूनल ने उन्हें 24 घंटे में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की सलाह दी जिससे विजय माल्या देश छोड़कर भाग न सके. लेकिन बैंकों ने किसके कहने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का काम 5 मार्च 2016 को किया जब 2 मार्च 2016 को विजय माल्या देश से बाहर भाग चुका था.

सवाल नं 4

आखिर क्यों वित्त मंत्री रहते हुए अरुण जेटली ने संसद में विजय माल्या से 9000 करोड़ रुपये के कर्ज के मामले पर बातचीत की? क्या वित्त मंत्री के लिए यह करना जायज था कि वह बैंक से 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले आदमी से संसद में बात करें?

सवाल नं 5

विजय माल्या के मुताबिक उसने अरुण जेटली को बताया कि वह लंदन के लिए रवाना हो रहे हैं. इतने बड़े कर्ज की धोखाधड़ी और बैंकों द्वारा दायर किए गए मुकदमे के बाद आखिर अरुण जेटली ने विजय माल्या की फरार होने की मंशा का जिक्र सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, एसएफआईओ अथवा विदेश मंत्रालय से क्यों नहीं किया? क्या विजय माल्या को  देश से फरार होने की सलाह दी जा रही थी?

सवाल नं 6

आखिर मोदी सरकार ने विजय माल्या को दाजियो से करोड़ों डॉलर की रकम भारत और विदेश में लेने की इजाजत कैसे दी? क्या यह सत्य नहीं है कि विजय माल्या को 25 फरवरी 2016 को हुए समझौते के मुताबिक साउथ अफ्रीकन ब्रेवरी डील में 40 मिलियन डॉलर की पहली किस्त और 58 मिलियन डॉलर की दूसरी किस्त दी गई. वहीं क्या यह सत्य नहीं है कि दाजियो ने 141 मिलियन डॉलर की रकम स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को विजय माल्या के यूबी ग्रुप द्वारा लिए गए कर्ज के ऐवज में दिया. वहीं माल्या की यूनाइटेड ब्रेवरीज के कर्ज के ऐवज में दाजियो ने 42 मिलियन डॉलर की  रकम चुकाई. आखिर क्यों इस लेनदेन के समय बैंकों के पूरे 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज को वसूलने की कोशिश नहीं की गई.

 

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