मुजफ्फरपुर बालिका गृह की खुदाई खत्म, नहीं मिले शव गाड़ने के सबूत

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह की एक लड़की के शव का पता लगाने के लिए सोमवार को खुदाई शुरू हुई थी. यह खुदाई समाप्त हो चुकी है, लेकिन लड़की के शव गाड़े जाने के कोई सबूत नहीं मिले. आशंका थी कि एक लड़की को प्रतारणा के बाद उसकी मौत हो गई, जिसे परिसर में ही दफना दिया गया था. पीड़ित लड़की के बयान पर परिसर की खुदाई करवाई गई थी. मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जेसीबी मशीन से परिसर की खुदाई की गई.

खुदाई के दौरान मुजफ्फरपुर की एसएसपी हरप्रीत कौर ने बच्चियों से करीब दो घंटे तक बातचीत की और बालिका गृह की 8 फाइलें अपने साथ ले गई है. खुदाई की गई मिट्टी को एफएसएल जांच के लिए भेज दिया गया है.

TIIS ने किया था खुलासा
मुंबई की संस्था टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइसेंज़ (TISS) की टीम ने बालिका गृह के सोशल ऑडिट रिपोर्ट में 21 लड़कियों के साथ यौन शोषण का खुलासा किया था. इस बीच यह भी बताया जा रहा है कि वर्ष 2013 से 2018 के बीच यहां से छह लड़कियां गायब हो गईं. इन लड़कियों के गायब होने का कोई पुलिस रिकॉर्ड नहीं है.

लोकसभा में भी गूंजा मामला
वहीं, कल (सोमवार को) मधेपुरा सांसद पप्पू यादव ने लोकसभा में मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम में रेप का मामला उठाते हुए सीबीआई से इसकी जांच कराने की मांग की है. इस शेल्टर होम में रहने वाली 21 बच्चियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई है. वहीं इस मामले में सेवा संकल्प एवं विकास समिति के रसूखदार संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 11 आरोपी जेल में हैं. इनमें आठ महिलाएं भी शामिल हैं.

आरोपियों के खिलाफ फाइल होगी चार्जशीट
इससे पहले मुजफ्फरपुर के एसएसपी हरप्रीत कौर ने कहा कि इस मामले में दस लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जल्द ही सभी के खिलाफ चार्जशीट फाइल की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि पूरे मामले में किसी भी लड़की ने यह नहीं कहा कि उन्हें कभी हॉस्टल से बाहल ले जाया गया था.

खुदाई से पहले पीड़ित लड़कियों ने उस जगह की पहचान की, जहां लड़की के शव को गाड़ने की आशंका थी. कोर्ट के आदेश पर पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई. इतना ही नहीं जांच में कई अन्य खुलासे हुए हैं. बताया जा रहा है कि 2103-2018 के बीच इसी बालिका गृह से छह लड़कियां गायब हुई थी.

 

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