मुन्ना बजरंगी हत्याकांड: फेसबुक के लिए जेल में डिप्टी जेलर का कंप्यूटर इस्तेमाल करता था सुनील राठी

लखनऊ। जेल में रहकर कुख्यात सुनील राठी अपना आपराधिक नेटवर्क चलाता रहा है। अंदर से अपने नेटवर्क को संचालित करने में जेल ही उसकी मदद करती रही है। जेल के तंत्र के दुरुपयोग में राठी की महारत का रुड़की कारागार गवाह रह चुकी है। चीनू पंडित गैंग पर हमले के बाद हुए राठी के जेल में दबदबे के कई तस्वीरें सामने आई। जेलर के कंप्यूटर को राठी इस्तेमाल करता था। वहीं से राठी रोजाना अपना फेसबुक अपडेट करता था। अंदर उसके गुर्गों हर सूचना उसे देते थे, निर्देश के लिए फोन भी उपलब्ध था।

रुड़की जेल के गेट पर 2014 में हुई गैंगवार के बाद राठी को लेकर कई सनसनीखेज खुलासों ने जेलर समेत बंदीरक्षक की भूमिका पर सवाल खड़े गए थे। कई ऐसे फोटो सामने आये जो साबित कर रहे थे कि जेल में राठी के पास बाहरी दुनिया से संपर्क करने के तमाम साधन हैं। इससे जेल प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई, जिसके बाद जेलर पर भी कार्रवाई हुई थी।

जेल प्रशासन और अपने राजनीतिक आकाओं से सांठगांठ के जरिए जेल में रहकर ही वह अपने गुर्गों से बाहर की जानकारी लेने के बाद हत्याएं करवाता रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद भी पुलिस प्रशासन उसके नेटवर्क को तोड़ने में नाकाम साबित हुआ। कुख्यात राठी किस तरह से जेल के नियम कायदों की धज्जियां उड़ाता था, इसका सनसनीखेज खुलासा जेल से रिहा हो रहे चीनू पंडित और उसके साथियों पर शार्प शूटरों के हमले से हुआ।

तब सवाल उठा था कि आखिर चीनू की रिहाई की सटीक जानकारी बाहरी बदमाशों को कैसे लगी। उस समय कुख्यात राठी रुड़की जेल में ही रुड़की के कुख्यात चीनू पंडित के साथ जेल में बंद था। गैंगवार के दिन शाम को करीब पांच बजे चीनू की रिहाई हुई थी। इसके बाद पुलिस प्रशासन इस जांच पड़ताल में जुटा था कि आखिर चीनू की रिहाई की सटीक जानकारी बाहरी बदमाशों को कैसे लगी। जांच में एक के बाद एक खुलासों ने राठी को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए थे। घटना के बाद राठी के जेल के भीतर एक मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा पर हुए कार्यक्रम में आरती करते हुए फोटो वायरल हुआ था।

यही नहीं जेलर के कमरे में कंप्यूटर पर काम करते हुए और कुर्सी पर बैठे हुए फोटो भी सामने आए थे। यह जानकारी भी सामने आई कि राठी का एक गुर्गा दूधिया के रूप में उससे मिलकर जानकारी उपलब्ध कराता था। राठी जेल में रहकर न केवल फोन का इस्तेमाल करता था बल्कि हर रोज फेसबुक को भी अपडेट करता था। जांच पड़ताल में पाया गया था कि जेल के रजिस्टर में छेड़छाड़ की गई है। जिस पर तत्कालीन डिप्टी जेलर राकेश वर्मा और सिपाही के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट लिए गए थे। रुड़की जेल के अलावा हरिद्वार जेल में भी राठी के इसी तरह के कारनामे उजागर होते रहे हैं। जिससे साफ होता है कि जिस जेल में राठी रहता है, वहां के नियम कायदे उसके हिसाब से चलते हैं।

 

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