मुलायम अब और नहीं सहेंगे अपमान, बनायेंगे अपनी अलग पार्टी, नवरात्रों के दौरान कर सकते है नई पार्टी का एलान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले जब मुलायम और अखिलेश के बीच खटपट हुई तब से ये सवाल कई बार उठ चुका है. चुनाव में बीजेपी के हाथों चारों खाने चित होने के बाद इस सवाल पर कुछ समय के लिए विराम लग गया था. लेकिन अब एक बार फिर से समाजवादी पार्टी के भीतर सरगर्मी बढ़ गयी है और ये कहा जा रहा है कि नवरात्रों के दौरान मुलायम सिंह अपने भाई शिवपाल यादव के साथ नई पार्टी या नए मोर्चा का ऐलान कर सकते हैं.

दो दिन पहले शिवपाल यादव ने कनौज्ज में कहा था कि मुलायम सिंह यादव का अपमान अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. दरअसल, शिवपाल यादव पार्टी और परिवार के इस झगड़े के बाद राजनीति में एकदम दरकिनार हो गए हैं और समाजवादी पार्टी में वह सम्मान वापसी की राह तलाश रहे थे. लेकिन सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव और उनके समर्थक किसी भी तरह उनपर भरोसा करने को तैयार नहीं हैं. इसलिए अब वो मुलायम को आगे करके कोई नया दांव खेलना चाहते हैं.

इससे पहले समाजवादी पार्टी में गतिविधि बढ़ गई है. बुधवार 20 सितंबर को समाजपार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करेंगे. 21 तारीख को मुलायम सिहं यादव और शिवपाल यादव ने लोहिया ट्रस्ट की बैठक बुलाई है. इस ट्रस्ट में अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव भी सदस्य हैं. ये लोग बैठक में शामिल होते हैं या नहीं इसपर सबकी नजरें होगीं. क्योंकि इस ट्रस्ट में मुलायम के करीबी लोगों का बोलबाला है. अखिलेश के जो भी लोग इस ट्रस्ट में सदस्य थे उन सबको शिवपाल यादव पहले ही बाहर का रास्ता दिखा चुके हैं. माना जा रहा है कि अखिलेश के बचे खुचे लोगों को भी मुलायम और शिवपाल अब ट्रस्ट से बाहर का रास्ता दिखा देंगें.

लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में 23 सितंबर को अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी का प्रादेशिक सम्मेलन बुलाया है और 5 अक्टूबर को आगरा में समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है. इन बैठकों के जरिये अखिलेश यादव पार्टी में अपनी पकड़ को मजबूर करना चाहते हैं और अपने अध्यक्ष होने पर एक बार फिर राष्ट्रीय अधिवेशन की मुहर लगाना चाहते हैं. हाल ही में समाजवादी पार्टी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया था. इस फैसले के ऊपर भी राष्ट्रीय अधिवेशन में औपचारिक मंजूरी ली जाएगी.

सूत्रों के मुताबिक अधिवेशन के लिए जो निमंत्रण भेजे जा रहे हैं उनमें मुलायम सिहं का चित्र गायब है और पोस्टरों में भी वो नजर नहीं आएंगे. मतलब बिल्कुल साफ है कि मुलायम-शिवपाल के अलग पार्टी या मोर्चा बनाने के इरादों की भनक भी अखिलेश को लग चुकी है इसलिए  वो मुलायम के चित्र को जगह देने की रस्मअदायगी भी अब नहीं करना चाहते हैं.

इस बीच 25 सितंबर को लखनऊ में ही मुलायम सिंह यादव ने भी अपनी प्रेस कांफ्रेंस बुलायी है. उस दिन वो क्या ऐलान करते हैं ये देखना दिलचस्प होगा.

 

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