मेदांता फार्मेसी का लाइसेंस सस्पेंड, डेंगू के इलाज के लिए थमाया था 15 लाख 88 हज़ार का बिल

गुरुग्राम। मेदांता के आतंरिक फार्मेसी का लाइसेंस गुरुवार (5 अप्रैल) को रद्द कर दिया गया. पिछले साल डेंगू संक्रमण की वजह से मारे गए सात साल के लड़के शौर्य प्रताप के पिता की ओवरचार्जिंग शिकायत पर जांच के दौरान मेडिकल बोर्ड ने पाया कि चार्ज लेने में ‘उल्लंघन’ हुआ है, जिसके बाद जिला ड्रग कंट्रोल ऑफिसर ने यह कार्रवाई की. गौरतलब है कि गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ने डेंगू के शिकार एक बच्चे के इलाज के लिए 15 लाख 88 हज़ार रुपये का बिल बना दिया था. इस बिल को चुकाने के लिए इस बच्चे के पिता को अपना घर भी गिरवी रखना पड़ा था, लेकिन इसके बाद भी इस बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी.

हालांकि यह फैसला मेडिकल बोर्ड के 5 मार्च को रिपोर्ट जमा करने के करीब 1 महीने बाद आई है. एक हफ्ते पहले ही शौर्य के पिता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि उन्हें मेदांता से पूरा पैसा (15.88 लाख रुपए) भरपाई के तौर पर वापस मिल गया है, जो कि उनके बेटे के इलाज पर खर्च हुआ था और बदले में उन्होंने (शौर्य के पिता ने) वादा किया कि वे अस्पताल के खिलाफ कोई कानूनी केस नहीं करेंगे.

जांच के मुताबिक, मेदांता अस्पताल ने दवाओं के लिए ज्यादा पैसा वसूले और सही तरीके से बिल, रिकॉर्ड्स को संभाल कर नहीं रखा. वरिष्ठ ड्रग अधिकारी सुनील चौधरी ने कहा, शौर्य प्रताप केस में उल्लंघन का मामला सामने आया, जिसके बाद हमने अस्पताल के इंटरनल फार्मेसी का लाइसेंस रद्द कर दिया है. अस्पताल ने हमारे नोटिस का सही जवाब जमा नहीं कराया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.’

 

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