मेरी पहल पर संसद में लगा था सावरकर का चित्र: राम नाइक

31Ram-Naikwww.tahalkaexpress.com लखनऊ। संसद के सेंट्रल हॉल में वीर सावरकर का चित्र 26 फरवरी 2003 को लगा था। इसके लिए पहल तत्कालीन सांसद और वर्तमान में यूपी के गवर्नर राम नाईक ने की थी।

गवर्नर ने बताया कि जब मैंने वीर सावरकर का चित्र लगाने का प्रस्ताव दिया तो कांग्रेस ने यह कहकर विरोध किया कि वे सांसद नहीं थे। इस पर मैंने जवाब दिया कि लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी जैसे राजनीति व स्वाधीनता संग्राम में अहम योगदान देने वाले व्यक्ति भी सांसद नहीं थे। उनके त्याग व समर्पण को देखते हुए सेंट्रल हॉल में उनका चित्र स्थापित कर सम्मान दिया गया। अपने योगदान के लिए सावरकर को भी वही सम्मान मिलना चाहिए।

नाईक ने बताया कि अंडमान की सेल्युलर जेल में 11 साल सावरकर ने बिताए थे। वहां उनकी स्मृति में स्मारक बनाने का निर्णय हुआ। उसके चारों तरफ पट्टिका लगाकर उस पर सावरकर के विचार लिखे गए। इसी बीच केंद्र की सरकार बदल गई। लोकार्पण 9 अगस्त 2004 को तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर ने किया। लेकिन सावरकर की विचार पट्टिका हटाकर वह गांधी की विचार पट्टिका लगा दी गई। मैं बतौर दर्शक वहां मौजूद था और इससे आहत भी हुआ।

इसके बाद 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी से मिलकर मैंने अलग स्मारक की बात की जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। इसका भूमि पूजन मैंने पिछले साल 4 जुलाई को किया था। दो दिन पहले 28 मई को इसका लोकार्पण हुआ है।

 

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