मेरे मासूम बच्चे डर के चीख रहे थे, मैं सहम गई हूं: IPS की पत्नी की आपबीती

सहारनपुर। यूपी के सहारनपुर में शोभायात्रा से भड़की हिंसा के बाद यहां के एसएसपी लव कुमार की पत्नी का दर्द सामने आया है। उन्होंने बताया कि, ”मैं आइपीएस की पत्नी हूं। अलीगढ़, गोरखपुर, मुरादाबाद जैसे संवदेनशील जिलों में पति के संग-संग रही हूं। लेकिन सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाने वाली एसएसपी कोठी पर ढाई घंटे तक जो मंजर मैंने देखा, उससे सहम गई हूं।” बता दें, गुरुवार को विवाद के चलते पुलिस ने शोभायात्रा की दूरी छोटी कर दी थी, इससे नाराज बीजेपी सांसद राघव लखनपाल ने अपने समर्थकों के साथ एसएसपी का घर घेर लिया। यहां उन्होंने जमकर उत्पात मचाया था।
पढ़ें, क्या कहा एसएसपी की पत्नी शक्त‍ि डॉली ने…
मैं आइपीएस की पत्नी हूं। अलीगढ़, गोरखपुर, मुरादाबाद जैसे संवदेनशील जिलों में पति के संग-संग रही हूं। लेकिन सबसे ज्यादा सुरक्षित मानी जाने वाली एसएसपी कोठी पर ढाई घंटे तक कल जो मंजर मैंने देखा, उससे सहम गई हूं। मैंने अपने छह व आठ साल के बच्चों की आंखों में जो खौफ देखा, उसे भूल नहीं सकती। पहले कभी वो इतनी जोर-जोर से चीख कर नहीं रोए, जितना उस शाम (गुरुवार) को। उस शाम करीब साढ़े सात बजे बवाल को शांत कर जब पति घर पहुंचे तो दौड़ कर दोनों बच्चे पापा-पापा कहते हुए उनसे लिपट गए। दूसरी और तीसरी क्लास में पढ़ने वाले मेरी बेटी व बेटे की आंखें रो-रो कर लाल हो चुकी थीं। कोठी में पूरी तरह से सांसद व उनके समर्थकों का कब्जा हो चुका था।
उपद्रवियों को देख बच्चे रोने लगे और कहा- मम्मी, पापा को जल्दी बुलाओ
एसएसपी की पत्नी का कहना है कि, ”जैसे ही कोठी पर हंगामा व नारेबाजी शुरू हुई तो वे कुछ समझ ही नहीं सकीं। फॉलोअर से पूछा तो बताया गया कि, सांसद आए हैं, तो मैंने उन्हें ऑफिस में बिठाने को कहा, लेकिन तभी सैकड़ों की भीड़ बढ़ी और तोड़फोड़ शुरू हो गई। सांसद समर्थकों ने इतना दुस्साहस किया कि कैंप ऑफिस व आवास के बीच के दरवाजे को खोल कर अंदर गैलरी तक घुस गए। उपद्रवियों को देख दोनों बच्चे ये कहते हुए रोने लगे कि मम्मी, पापा को फोन करके जल्दी बुलाओ डर लग रहा है। तभी फॉलोअर ने दौड़ कर दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया।
भीड़ से आवाजें आ रही थीं- आज कप्तान को बंगले में घुसने नहीं देंगे
भीड़ के बीच में जोर-जोर से आवाज आ रही थीं कि, आज कप्तान को बंगले में घुसने नहीं देंगे, देखते हैं अंदर कैसे आएगा..। ये सुनने के बाद मैं दोनों बच्चों को गोद में लेकर कोठी के पिछले गेट से निकल कर काफी देर तक गाय के पास बैठी रही। तभी कोठी में तैनात एक दारोगा दौड़ कर आया और हमे तीनों को सर्विलांस सेल दफ्तर में बैठाकर एसएसपी को फोन किया। इसके बाद देर शाम को एसएसपी आवास पर लौटे।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में गुरुवार को एक शोभायात्रा निकालने को लेकर दो पक्षों में झड़प हो गई। अंबेडकर जयंती समारोह के उपलक्ष्य में यह शोभायात्रा आयोजित की गई थी और यह बिना प्रशासन की अनुमति के बलपूर्वक निकाली गई। इस इलाके में हिंसा फैलने की आशंका के चलते ऐसी शोभायात्राओं पर सालों से पाबंदी है। जबरन शोभायात्रा निकाले जाने पर पुलिस ने कार्रवाई की और यात्रा छोटी कर दी। शोभायात्रा की दूरी छोटी किए जाने से नाराज बीजेपी सांसद राघव लखनपाल ने अपने समर्थकों के साथ एसएसपी का घर घेर लिया। वहां सीसीटीवी कैमरा और कुछ कुर्सियों को तोड़ दिया गया। एसएसपी की नेम प्लेट भी उखाड़ दी गई। साथ ही भीड़ ने एसएसपी के आवास में भी तोड़फोड़ की। बता दें, सहारनपुर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाका है।
किसी अधिकारी के आवास में घुसकर उत्पात मचाना गलत: श्रीकांत शर्मा
इस मामले पर यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा- ”ये खबर मैंने देखी है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार अपने स्तर पर जांच करावा रही है। अगर किसी व्यक्ति को कोई अपत्त‍ि थी तो पार्टी या सरकार को लिखित या मौखिक रूप से बता सकता था। उसका समाधान निकाला जाता। लेकिन किसी भी रूप में कानून को अपने हाथों में लेना गलत है। किसी अधिकारी के आवास में घुसकर उत्पात मचाना गलत है। जो भी दोषी होगा उसपर कार्रवाई की जाएगी।
 

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