मोदी जी! कांग्रेस मुक्त नहीं आतंक मुक्त भारत बनाइये

राजेश श्रीवास्तव
वर्ष            शहीद जवान                आम आदमी                आतंकी
2०11              33                                 31                          1००
2०12              11                                38                            5०
2०13              53                                15                            67
2०14               51                                32                           11०
2०15               41                                2०                            113
2०16               87                                13                            165
2०17               72                                2०                             7०
नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने जब बीती 26 मई 2०14 को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तो लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब पाकिस्तान के साथ लुका-छिपी का ख्ोल खत्म होगा। पाकिस्तान जो आये दिन हमारे जवानों को घुड़की देता है वह बंद हो जायेगी। लेकिन जिस तरह प्रधानमंत्री नरंेद्र मोदी का अच्छे दिनों का सपना आम आदमी की उनींदी आंखों में आज भी कोई रोशनी नहीं पैदा कर पाया है उसी तरह भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के रवैये में भी भारत कोई परिवर्तन नहीं ला पाया है। अलबत्ता यह जरूर हुआ है कि उनके शपथ लेने के बाद एलओसी पर होने वाली घटनाएं बढè गयी हैं। अकेले अगर 2०17 के ही आंकड़ों पर गौर फरमायें तो जितने हमारे जवान केवल चार महीने में ही शहीद हुए हैं उतने पिछले 1० सालों में कभी नहीं हुए। पीएम मोदी ने जब विदेशों के तूफानी दौरे किये तब भी लोगों को लगा कि शायद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के पक्ष में माहौल बन सके और पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगे। लेकिन यह भी नहीं हुआ। पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मां को साड़ी तोहफे में दी गयी तो उधर से रिटर्न गिफ्ट में हमारे कई जवानों की शहादत दी गयी। यही नहीं, पाकिस्तान केवल आतंकी गतिविधियों को हवा देने में ही कामयाब नहीं है बल्कि उसने तोे भारतीय सैनिक केदार जाधव को फांसी देने का भी ऐलान कर रखा है। लेकिन हमारी सरकार अभी दस्तावेज, जांच और कार्रवाई में उलझी है। लेकिन अभी तक के प्रयासों से यह नहीं लगता कि जाधव की रिहाई सकुशल अपने वतन को हो सकेगी। जिस तरह पूर्व में भी सरबजीत की रिहाई मोदी सरकार नहीं करा सकी थी और वतन में वह जीते जी नहीं आ सका था। केवल सैनिकों की मौत ही बड़ी संख्या में नहीं हुई बल्कि जिस बर्बरता से हमारे जवान इस सरकार में अपनी शहादत दे रहे हैं वह भी निंदनीय है। हमारे जवानों के सिर कलम कर दिये जा रहे हैं। जवानों के शवों के साथ अमर्यादित और अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल सदन में ही गरज कर खामोश हो जा रहे हैं। लेकिन उनकी आवाज का असर एलओसी पार नहीं हो रहा है।
चीन के दमखम और अमेरिकी सह्दयता के दम पर पाकिस्तान का भारत अभी तक बाल-बांका भी नहीं कर सका है। उल्टे उसने घुड़की दी है कि अगर माहौल खराब करने की कोशिश की गयी तो वह ईंट का जवाब पत्थर से देगा। हमारे देश में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया। लगभग हर महीने ही कोई न कोई आईएसआई एजेंट की गिरफ्तारी होती है लेकिन हम अभी तक यह सुबूत नहीं पेश कर सके कि पाकिस्तानी आतंकी गतिविधियों में लिप्त है और भारतीय शांति व्यवस्था कोे छिन्न-भिन्न करने में लगा है। जो सुबूत सौंपे गये हैं उन्हें पाकिस्तान नहीं मानता। पाकिस्तानी मंे आतंकी सरगना खुलेआम घूम रहा है। हम उरी, पठानकोट और पेशावर, सीआरपीएफ हमले में अपने कई जवानों की शहादत दे चुके हैं। अब स्थिति इतनी बदतर हो गयी है कि जवानों के परिजन अपने शहीद का अंतिम संस्कार करने को भी तैयार नहीं होते हैं। बीते दिनों देवरिया में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दखल के बाद रात दो बजे शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। यह सरकार के प्रति आक्रोश ही है।
लेकिन हमारे प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के प्रयास में सफल होकर मस्त हाथी की तरह चल रही है जैसे मानो पूरे देश में वह जो चाहेगी वही होगा। मोदी जी, भले ही आपको उप्र समेत कई राज्यों में सफलता मिल गयी हो लेकिन जो सैन्य आक्रोश है और देश की रक्षा करने में आप असफल हुये हैं और जवानों की जो शहादत हो रही है उससे देश में जो आक्रोश पनप रहा है वह दिलों में सुलग रहा है। इसीलिए मोेदी जी, कांग्रेस मुक्त नहीं आतंक मुक्त भारत बनाइये। क्योंकि आम आदमी को कांग्रेस से उतना खतरा नहीं जितना पाकिस्तान के आतंकी आकाओं से है। आप कांग्रेस को 56 इंच का सीना नहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को 56 इंच का सीना दिखाइये। अपनी आवाज से सदन को नहीं पाकिस्तान को दहलाइये। मन की बात में पाकिस्तान के खिलाफ आग उगलिये। अगर आपने ऐसा नहीं किया तो भले ही आप एक बार प्रधानमंत्री और बन जायें पर सैनिकों की नजर में आप शायद 56 इंच वाले प्रधानमंत्री कभी नहीं बन पायेंगे।

 

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