मोदी सरकार का बड़ा कदम- भारत ने पाकिस्तान को सार्क देशों की सूची से बाहर फेंका

भारत ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पाकिस्तान को सार्क देशों की सूची से निकाल बाहर फेंका है,भारत की इस नई लिस्ट में अब वो देश रह गए है जिनके साथ भारत remote access के जरिये अपने नेशनल नॉलेज नेटवर्क ( NKN)  और वैज्ञानिक डेटाबेस को उन्नत टेक्नोलॉजी और फैसिलिटीज के लिए साथ साझा करेगा।

भारत सरकार ने उस क्रियाविधि को निरस्त कर दिया है जिसमे एक दूरसंचार कंपनी की नियुक्ति NKN को अनुसन्धान और शिक्षा नेटवर्क से 6 देशो – अफ़ग़ानिस्तान,बांग्लादेश,भूटान,मालदीव,नेपाल और श्रीलंका में जोड़ने और फैलाने के लिए किया जाता है,सार्क देशों में पहले पाकिस्तान भी शामिल था लेकिन आतंकवाद और अस्थिरता पर अपने ढीठ रवैय्ये के कारण इसे इन प्रोग्राम से अलग कर दिया गया है।

भारत ने सीमा पार से हो रहे आतंकी हमलों और देश विरोधी हरकतों के चलते पाकिस्तान से वार्ता निलम्बित की हुई है जिसका असर अब दोनों देशों के विज्ञान व अनुसन्धान क्षेत्र में भी दिखने लगा है..

क्या है NKN ( National Knowledge Network)?

NKN एक मल्टी गीगा बाइट पैन इंडिया नेटवर्क प्रोग्राम है जो भारत में संचार की बुनियादी सुविधाओं के विकास की सुविधा देता है,ये रिसर्च प्रोग्राम्स को बढ़ावा देता है जिससे अगली पीढ़ी के ऍप्लिकेशन्स और सर्विसेज का निर्माण होता है। ये TEIN4,GARUDA,CERN ओर Internet2 जैसे विभिन्न शैक्षणिक नेटवर्क के शोधकर्ताओं के बीच सहयोग को सक्षम बनाता है। ये वैज्ञानिक डेटाबेस और उन्नत अनुसन्धान सुविधाओ को remote access के जरिये शेयर अर्थात आपस मे साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।

भारत ने अब सार्क देशों में  NKN को वैश्विक अनुसन्धान और शिक्षा नेटवर्क में विस्तारित करने का निर्णय लिया है जो दक्षिण एशिया में एक क्रांतिकारी कदम बनने जा रहा है, कुछ देश आतंक का रास्ता अपना कर पाषाण युग को लौट रहे है वही भारत फिर से अंधेरो को पार कर विकास की पराकाष्ठा को प्राप्त करने के प्रयास कर रहा है।

NKN को अफ़ग़ानिस्तान से दिल्ली या मुम्बई,बांग्लादेश को कोलकाता या दिल्ली से,नेपाल को कोलकाता या दिल्ली,मालदीव से चेन्नई या मुम्बई और श्रीलंका को चेन्नई या मुम्बई से जोड़ा जाएगा .. NKN नेटवर्क को।क्रियाशील बनाये रखने के लिए एक केंद्रीयकृत अत्याधुनिक प्रबन्धन केंद्र और नेटवर्क ऑपरेटिंग सेन्टर बनाया जाएगा। अफ़ग़ानिस्तान मालदीव और श्रीलंका से भारत का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सबमरीन केबल के माध्यम से होगा।

जब दक्षिण एशिया के सार्क देश मे अपना बौद्धिक ज्ञान नवीन सर्जन करने के लिए आपस साझा करने के लिए कर रहे होंगे उस बीच मे अलग थलग पड़ गया पाकिस्तान क्या नए आतंकवादी पैदा करने के रास्ते ढूंढ रहा होगा या चीन जैसे देश के आगे भीख का कटोरा लिया गुहार लगा रहा होगा . वो दिन शायद हर देशभक्त के लिए सुखद क्षण हो.

 

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