यूएई की जिस 700 करोड़ की मदद पर मचा है हंगामा, उसने ऐसा कोई ऐलान ही नहीं किया

नई दिल्ली। सदी की सबसे भयानक बाढ़ का सामना करने वाले केरल के लिए आ रही आर्थिक मदद पर राजनीति जारी है. केंद्र ने जहां 600 करोड़ की राहत राशि जारी की है वहीं विपक्षी दल इसे इस आपदा के लिए कम बता रहे हैं. इसी दौरान केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा कि अबू धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने केरल की मदद के लिए 700 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया है. लेकिन केंद्र ने नियमों का हवाला देते हुए इस मदद को लेने से इनकार कर दिया. इसके बाद बाद इस पर राजनीति तेज हो गई. लेकिन अब खुद यूएई की ओर से कहा गया है कि उन्होंने अब तक किसी भी ऐसी मदद का ऐलान नहीं किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यूएई के राजदूत अहमद अल्बाना ने कहा, अब तक उनके देश ने केरल के लिए कोई स्पष्ट आर्थिक मदद का ऐलान नहीं किया है. उन्होंने कहा, अभी हम खुद इस नुकसान का आकलन कर रहे हैं. अभी इन सब पर विचार हो रहा है. इसलिए मेरा मानना है कि अभी तक वहां से कोई स्पष्ट सहायता राशि का ऐलान नहीं किया गया है. उनसे जब पूछा गया कि इसका मतलब अभी यूएई ने 700 करोड़ की किसी राशि का ऐलान नहीं किया है, तो उन्होंने कहा. हां. यह सही है. अभी कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. न ही इसका ऐलान हुआ है.

इससे पहले केरल के मुख्यमंत्री पिन्नराई विजयन ने कहा था कि आबूधाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की है और उन्हें 700 करोड़ रुपए की सहायता देने की पेशकश की है. यूएई के राजदूत अल्बाना ने कहा, यूएई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम इसके लिए एक राष्ट्रीय आपदा समिति को बनाया है. इसका मुख्य उद्देश्य केरल के लोगों के लिए फंड जुटाना, सहायता के लिए जरूरी सामान, दवाइयों आदि की व्यवस्था करना है. हम भारत के आर्थिक सहायता संबंधी नियमों को समझते हैं. हमारी फेडरल अथॉरिटी इस कमेटी के साथ कॉऑर्डिनेट कर रही है.

                                        इन्फोसिस के को फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति केरल और कर्नाटक के बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता राशि भेजती हुईं.

यूएई के राजदूत अल्बाना ने कहा, यूएई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम इसके लिए एक राष्ट्रीय आपदा समिति को बनाया है. इसका मुख्य उद्देश्य केरल के लोगों के लिए फंड जुटाना, सहायता के लिए जरूरी सामान, दवाइयों आदि की व्यवस्था करना है. हम भारत के आर्थिक सहायता संबंधी नियमों को समझते हैं. हमारी फेडरल अथॉरिटी इस कमेटी के साथ कॉऑर्डिनेट कर रही है. केरल के बीजेपी चीफ श्रीधरन पिल्लई का कहना है कि केरल की सरकार के द्वारा ये सबसे बड़ा झूठ देश से बोला गया है. यूएई की ओर से ऐसा कोई ऑफर दिया ही नहीं गया था. यूएई ने आधिकारिक तौर पर 1 करोड़ दिरहम (करीब 19 करोड़ रुपए) की मदद की घोषणा की थी.

 

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