यूपीए से कम कीमत पर मोदी सरकार ने खरीदे राफेल विमान ! जानें क्या है माजरा
नई दिल्ली। नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) सरकार ने फ्रांस से जिस कीमत पर 36 राफेल विमानों का सौदा किया है, ये कीमतें तत्कालीन यूपीए सरकार की ओर से तय कीमतों से कम हैं. इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर में इस तथ्य का दावा किया गया है. एनडीए सरकार ने साल 2016 में फ्रांस की विमानन कंपनी दसॉल्ट से राफेल विमानों का बेड़ा खरीदने का सौदा किया था.
इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों ने बताया, मौजूदा सरकार ने प्रति राफेल 525 करोड़ रुपए या 79 मिलियन यूरो की कीमत तय की है, जैसा कि विपक्षी पार्टियों ने ऐसा दावा कर सरकार पर निशाना साधा है. जबकि उनका यह दावा 2007 में संपन्न ठेके को लेकर है जब प्रति यूरो का विनिमय दर 66.60 रुपए हुआ करता था.
सूत्रों की मानें तो यूपीए सरकार की कीमतें सिर्फ राफेल के लिए थीं, न कि उससे जुड़े हथियार, एवियोनिक्स, राडार, मिसाइल और अन्य लड़ाकू सामानों के लिए. सरकार से जुड़े एक सूत्र ने बताया, एयरफोर्स को अब 36 राफेल ही चाहिए न कि 126. इसलिए सेना चाहती है कि जो भी विमान खरीदे जाएं वे अधिक से अधिर शक्तिशाली हों. इस बाबत एयरफोर्स ने दसॉल्ट से मेटियोर मिसाइल, 75 फीसद तक की उपयोगिता और कुछ अन्य मांगों को लेकर दबाव बनाया है. विमानों में खराबी आने पर दो अलग-अलग मेंटिनेंस सपोर्ट फ्लाइट के लिए भी बात चल रही है. इस कारण प्रति विमान कीमत बढ़ गई है जो 2011 के वक्त नहीं थी.
एयरफोर्स के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि मारक क्षमता और ढुलाई में कम खर्चे को देखते हुए राफेल एयरफोर्स की उम्मीदों पर 100 टका खरा उतरने वाला विमान है. इसका 36 जहाजों का बेड़ा भी वायुसेना की फ्लीट के लिए अव्वल पसंद है.
आधिकारिक सूत्रों ने यह भी बताया कि एनडीए सरकार की मंशा जल्द इतने राफेल खरीदने की नहीं है और इस मुद्दे पर फ्रांस सरकार से कोई बात भी नहीं हुई है. अधिक राफेल विमान खरीदने का कोई फैसला अबतक नहीं लिया गया है. इंडियन एयरफोर्स को अपनी जरूरतों के मुताबिक 42 स्क्वाड्रन चाहिए, जबकि अभी 31 स्क्वाड्रन हैं. अगर कोई नया डील नहीं हुआ तो 2032 तक यह संख्या घटकर 27 हो जाएगी और 2042 तक मात्र 19.
क्या थी डील
पुराने फॉर्मूले के मुताबिक साल 2007 में उड़ने को तैयार 18 राफेल विमानों की डील हुई थी. जहां हर राफेल की अनुमानित कीमत 100.85 मिलियन यूरो (2015 में 765 करोड़ रुपए लगभग) थी. साल 2016 में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदे, जिसके बदले में प्रत्येक विमान के लिए 91.7 मिलियन यूरो चुकाए गए. 2015 के यूरो एक्सेंज रेट के मुताबिक यह डील 696 करोड़ रुपए में हो गई. यानी कि 2007 में हुई डील 2016 के मुकाबले महंगी थी.
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