यूपी की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए आम आदमी पार्टी ने माननीय राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.

उत्तर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और दलित उत्पीडन के बढ़ते मामलों के खिलाफ बुधवार को आम आदमी पार्टी ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया और जिला प्रशासन के माध्यम से एक ज्ञापन महामहिम राज्यपाल महोदया सौंपा. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में भी डीएम आफिस कैसरबाग में पार्टी ने प्रदर्शन किया.

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि आज कई जिलों में योगी सरकार ने विरोध प्रदर्शन नहीं करने दिया जो लोकतंत्र के लिये अच्छा नहीं है । उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है जितना बुरा हाल यूपी में बिगड़ती कानून व्यवस्था का है उतना शायद ही किसी प्रदेश का होगा.

आज प्रदेश की नहीं देशभर के किसी भी समाचार पत्र उठाकर देख लीजिए यूपी की बिगड़ती कानून व्यवस्था की असलियत गुंडाराज आपके सामने दिखेगा योगीराज और उनके प्रशासन की बेलगाम निरंकुश पुलिस के कारनामे हर अखबार में देखने को मिल जाएंगे. प्रदेश में अपराध इतना ज्यादा हो गया है कि आप इसे उत्तर प्रदेश की जगह पर अपराध प्रदेश के नाम से बुलाया जा सकता है.

यूपी में बिगड़ती कानून व्यवस्था के बारे में आम आदमी पार्टी ही नहीं कह रही बल्कि सरकार के आंकड़े यानी एनसीआरबी का डाटा अगर उठाकर देख लीजिए तो यूपी अपराध के मामले में पहले स्थान पर आता है किसी भी तरह का अपराध हो सब आपको यूपी में सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा.

उन्होंने कहा कि NCRB के डाटा के मुताबिक दलितों के प्रति अत्याचार अपराध, महिलाओं के प्रति अपराध, हत्या, बलात्कार, लूट इन सब अपराध के मामले में यूपी पहले स्थान पर है और यह बहुत शर्म की बात है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी, देश के पूर्व गृहमंत्री और आज के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी उत्तर प्रदेश से चुन कर संसद पहुंचे हैं.

केंद्र में भी बीजेपी की सरकार हैं और प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार हैं इन सब चीज़े के बावजूद प्रदेश हिंसा और अपराध की आग में झुलस रहा है और अब यूपी की जनता भय और असुरक्षा के बीच अपना जीवन बिता रही हैं. प्रदेश का हर इंसान अब खौफ में जी रहा हैं.

प्रदेश की कानून व्यवस्था ऐसी है यहां हर अपराधी बेखौफ घूम रहा है और अपराध पर अपराध करता जा रहा है यहां पर ना तो आम जनमानस सुरक्षित है ना ही पत्रकार सुरक्षित है और ना ही दूसरों की रक्षा करने वाली पुलिस स्वयं सुरक्षित है. इस बात से अंदाजा साफ लगाया जा सकता है योगी जी से या तो ये प्रदेश संभल नहीं रहा है या उनकी इन गंभीर हालात के प्रति कोई संवेदना नही हैं.

जिला संगठन अध्यक्ष अजय गुप्ता ने कहा कि अभी हाल ही में हुए एक मामले का जिक्र करें तो रायबरेली के लालगंज में एक रिक्शा चालक युवक मोहित को पुलिस उठाकर थाने ले जाती है, जहां उसको जानवरों की तरह पीटा जाता है, यातनाएं दी जाती हैं जिससे उसकी मौत हो जाती है. इस बर्बर कांड ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है.

इसको हल्के में बिल्कुल भी नहीं लिया जा सकता. आम आदमी पार्टी ये मांग करती हैं कि इस मामले में शामिल संबंधित थाने के सभी पुलिस वालों पर दलित की हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें फौरन गिरफ्तार किया जाए, पुलिस अधीक्षक रायबरेली को तत्काल रुप से निलंबित किया जाए और मोहित की मां और परिवार के सहारे के लिए तुरंत 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए.

प्रदेश सचिव विनय पटेल ने कहा कि यह एक मामला ही नहीं पूरे प्रदेश भर में तमाम हालिया और पूर्व से लंबित दलित उत्पीड़न के मामलों की उच्चस्तरीय जांच की जाए इन सभी जांचों की प्रगति स्व जनता को अवगत कराया जाए और ऐसे सभी मामलों का निपटारा फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में करा कर सभी को न्याय दिलाया जाए.

आज के प्रदर्शन में तुषार श्रीवास्तव, अल्पसंखयक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रितपाल सिंह सलूजा, CYSS के प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे, अंकुश चौधरी, अफरोज आलम, के के श्रीवास्तव, ललित वाल्मीकि, हरिशंकर, अंजू सिंह, मो शाहिद, किश्वर जहाँ, पंकज यादव सहित कई कार्यकर्ता शामिल हुए.

 

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