यूपी: राज्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों को सातवां वेतनमान देने का शासनादेश जारी

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों तथा उनसे संबद्ध 331 सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों एवं राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ देने का शासनादेश गुरुवार को जारी कर दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर ही सातवां वेतनमान देने की घोषणा कर दी थी। तभी से शिक्षक शासनादेश जारी होने का इंतजार कर रहे थे। इस शासनादेश से सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के 7745 शिक्षकों पर लगभग 651 करोड़ रुपये, राजकीय महाविद्यालयों के 2008 शिक्षकों पर लगभग 169 करोड़ रुपये व राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों पर लगभग 102 करोड़ रुपये का व्यय भार राज्य सरकार पर आएगा। इसके लिए राज्य सरकार ने अपने अनुपूरक बजट में लगभग 921 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। पहली बार वेतनमान के साथ ही चालू वित्तीय वर्ष में ही शिक्षकों के एरियर का भुगतान भी हो जाएगा।

लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय और महामंत्री डॉ. अंशू केडिया ने इसके लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि लुआक्टा को आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि शेष लंबित मांगों का भी यथाशीघ्र निस्तारण हो जाएगा। उत्तर प्रदेश पूरे देश में एकमुश्त एरियर भुगतान करने वाला पहला राज्य बन गया है। छठें वेतनमान में तत्कालीन सरकार ने एरियर को काल्पनिक मानते हुए वेतनमान का लाभ दिया था। एरियर प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को आंदोलन करना पड़ा था। अंतत: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के वाद एरियर का लाभ प्राप्त हो सका था।

लुआक्टा के अनुसार मानव संसाधन मंत्रालय ने सातवां वेतनमान दिए जाने के संबंध में अधिसूचना 31 जनवरी 2018 को जारी की थी। केंद्र सरकार ने 2 फरवरी 2018 को राज्य सरकार को पत्र भेजा था। इस बार राज्य सरकार को प्रतिपूर्ति की धनराशि कम प्राप्त हुई लेकिन राज्य सरकार ने ऐतिहासिक रूप से निर्णय लेते हुए एक ही बार मे सभी एरियर का भुगतान करने का निर्णय वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही लिया गया है।

 

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