यूपी विधानसभा मानसून सत्र- विपक्ष के जबरदस्त हंगामे के बीच सरकार ने 27 विधेयक कराए पास…

Government passed 27 bills UP assembly monsoon session lucknow:- लखनऊ- विधानसभा में शनिवार को विपक्ष ने कानून-व्यवस्था, कोरोना और यूरिया की कमी के साथ ब्राह्मणों के उत्पीड़न के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया। सपा सदस्य वेल में उतर आए तो बसपा ने सदन से वाकआउट किया।

Government passed 27 bills UP assembly monsoon session lucknow:-

विपक्ष के जोरदार हंगामे और नारेबाजी के बीच विधानसभा की कार्यवाही सिर्फ 2.40 घंटे चल सकी और सरकार ने इस हंगामे के बीच 27 विधेयक पास कराए। हंगामे के चलते प्रश्न प्रहर भी नहीं हो सका। सीएजी की रिपोर्ट और राज्य वित्त आयोग की संस्तुतिओं की रिपोर्ट को भी सदन के पटल पर रखा गया। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई।

सपा-बसपा का वाकआउट, कार्यवाही स्थगित

  • विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामा बढ़ते हुए देखकर सदन की कार्यवाही को पहले 15 मिनट के लिए स्थगित किया।
  • इसके बाद इसे आधे घंटे लिए बढ़ा दिया गया।
  • सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्ष का हंगामा शांत नहीं हुआ।
  • विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर संसदीय कार्य मंत्री ने एक-एक कर के कुल 27 विधेयक रखे,
  • जिसे पास किया गया।
  • सपा और बसपा ने खराब कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर वाकऑउट किया।

पूरे दिन नहीं चल सका सदन

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बोलने के बाद बसपा नेता लालजी वर्मा ने यूपी में खराब कानून-व्यवस्था का मामला फिर उठाया।
  • उन्होंने अपराध के आंकड़ों पर पुन: सरकार से जवाब चाहा तो संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और उद्योग मंत्री सतीश महाना ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
  • इसके बाद सत्ता पक्ष और बसपा के सदस्यों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई।
  • सतीश महाना ने कहा कि बसपा सदस्यों ने जब मुख्यमंत्री का वक्तव्य सुना ही नहीं इस पर जवाब किस बात का चाह रहे हैं।
  • इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव रखा।
  • इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।

भौतिक दूरी का पालन करें

  • विधानसभा अध्यक्ष ने सपा सदस्यों के हंगामे पर कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए भौतिक दूरी का पालन नहीं किया जा रहा है।
  • इसका पालन किया जाना चाहिए।
  • उन्होंने यह भी कहा कि सदन के अंदर बोर्ड लेकर आने की परंपरा ठीक नहीं है।
 

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