ये क्या हो रहा है योगी जी आपके उत्तरप्रदेश में, इस्लामिक स्कूलों में जाकिर नाइक को बताया जा रहा है ‘हीरो’

लखनऊ। जहां एक ओर आतंकियों के गुरु जाकिर नाइक को देश की सुरक्षा एजेंसियां भूखे भेडि़यों की तरह तलाश कर रही हैं। वहीं दूसरी ओर इस्‍लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को उत्‍तर प्रदेश के कुछ इस्‍लामिक स्‍कूलों में बतौर हीरो की तरह पेश किया जा रहा है। इस्‍लामिक स्‍कूलों में मुस्लिम बच्‍चों को पढ़ाया जा रहा है कि जाकिर नाइक इस्‍लाम का हीरो है। इस खबर ने उत्‍तर प्रदेश की सरकार की नींद उड़ा दी है। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद शिक्षा विभाग ने पूरे मामले की जांच शुरु कर दी है। जांच में ये बात सच पाई गई है कि इस्‍लामिक स्‍कूलों के सिलेबस में कुछ इस तरह की किताबों को शामिल किया गया है जिस में इस विवादित उपदेशक को बतौर हीरो की तरह पेश किया जा रहा है। उत्‍तर प्रदेश के अलीगढ़ और बिजनौर में इस तरह के मामले सामने आए हैं। उत्‍तर प्रदेश के ये दोनों ही जिले मुस्लिम बाहुल्‍य हैं।

हालांकि अलीगढ़ में इस तरह की हरकत का खुलासा पहले ही हो चुका था। लेकिन, अब बिजनौर में भी यही मामला सामने आया है। यूपी के दो जिलों में इस तरह के मामले सामने आने के बाद यूपी के शिक्षा विभाग ने पूरे प्रदेश में अपनी निगरानी तेज कर दी है और ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर कहां कहां और किन-किन स्‍कूलों में इस्लामिक मजहबी गुरु जाकिर नाइक को बतौर हीरो की तरह पढ़ाया जा रहा है। दरसअल, इस सनसनीखेज खबर का खुलासा तब हुआ जब बिजनौर के बेसिक शिक्षा अधिकारी को जानकारी मिली कि उनके जिले के धाकी गांव में सरकार द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त एक निजी और इस्‍लामिक स्‍कूल के सिलेबस में जाकिर नाइक को भी पढ़ाया जा रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस खबर पर फौरन ही इस पूरे मामले की जांच कराईं। जांच में इस बात की तस्‍दीक हो गई है कि धाकी गांव के स्‍कूल में जाकिर नाइक को इस्‍लाम के हीरो की तरह पेश किया जा रहा है।
बिजनौर के बेसिक शिक्षा अधिकारी महेश चंद्रा ने इस मामले में जांच के लिए जिस टीम का गठन किया था उसकी अगुवाई ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शिव कुमार कर रहे थे। शिवकुमार की टीम ने ही इस स्‍कूल का दौरा कर पूरे मामले की पड़ताल की थी। शिक्षा विभाग की ये टीम अभी शुक्रवार को ही धाकी गांव के इस स्‍कूल में पहुंची थी। यहां पहुंचते ही शिक्षा विभाग की टीम ने सभी किताबों की पड़ताल की। शिवकुमार की अगुवाई वाली टीम को सिलेबस में एक ऐसी किताब मिली जिसमें पूरा का पूरा एक चैप्‍टर ही जाकिर नाइक पर था। इस किताब का नाम इल्म-उन-नफे है। जांच टीम ने इस मामले में स्‍कूल के मालिक से भी पूछताछ की। तो उसने भी ये कबूल किया कि किताब इल्‍म-उन-नफे में जाकिर नाइक का जिक्र है। जिसे बच्‍चों को पढ़ाया जा रहा है। स्‍कूल के मालिक ने शिक्षा विभाग की टीम को बताया कि दूसरी क्‍लास के बच्‍चों को ये किताब पढ़ाई जा रही है।
इससे पहले अलीगढ़ में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। जिसमें भी शिक्षा विभाग को ये पता चला था किद अलीगढ़ के एक इस्‍लामिक स्‍कूल में दूसरी कक्षा के बच्‍चों को जाकिर नाइक के बारे में पढ़ाया जा रहा है। इल्‍म-उन-नफे नाम की इस किताब में कई मुस्लिम नायकों का जिक्र है। इन्‍हीं मुस्लिम नायकों में आतंकियों के वैचारिक गुरु कहे जाने वाले जाकिर नाइक को भी शामिल किया गया है। जबकि हकीकत ये है कि इल्‍म-उन-नफे किताब जहां जाकिर नाइक को अपना हीरो मानती है वहीं दूसरी ओर देश की सुरक्षा एजेंसियों को उसकी तलाश है। दरसअल, साल 2016 में बांग्‍लादेश की राजधानी ढाका में आतंकी हमला हुआ था। इसके बाद ही जाकिर का नाम सामने आया था। इस हमले में शामिल आतंकियों ने बताया था कि वो जाकिर नाइक के भाषणों से प्रेरित होकर आतंकवाद की राह पर आए हैं। इसके बाद से ही वो भारत छोड़कर भाग गया था। देश की सुरक्षा एजेंसियां जाकिर नाइक के इस्‍लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर भी कार्रवाई कर चुकी हैं। वो इस वक्‍त सऊदी अरब में छिपा हुआ है।
 

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