ये है असली चाल-चरित्र और चेहरा: ‘आप’ की सोच को दर्शाता है यह ‘थप्पड़ कांड’

नई दिल्ली। चाल,चरित्र और चेहरा ये तीन ऐसे शब्द हैं जिनका इस्तेमाल राजनीतिक दल अपने पक्ष में या दूसरों के विरोध में करते हैं। आप सोच रहे होंगे कि आज इन शब्दों की चर्चा क्यों हो रही है तो उसके पीछे ठोस वजह है। याद करें वो दिन जब दिल्ली में जंतर मंतर और रामलीला मैदान से एक सामान्य कद काठी का शख्स अरविंद केजरीवाल तत्कालीन यूपीए सरकार को भ्रष्टाचार और सरकारी कार्य संस्कृति को लेकर घेरेबंदी कर रहा था। देश की जनता को उस शख्स में एक विकल्प नजर आ रहा था। आंदोलन से निकले केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी पार्टी बनाई, जिसे दिल्ली की जनता ने भरपूर समर्थन दिया। लेकिन पिछले तीन साल के कार्यकाल में एक नहीं सैकड़ों ऐसे मामले सामने आए, जिसकी वजह से अरविंद केजरीवाल सरकार दागदार हुई। ताजा मामला दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को बेइज्जत करने और थप्पड़ मारने का है।

ये है आप का चाल, चरित्र और चेहरा

देश के अलग-अलग हिस्सों में सरकारी मुलाजिमों के जन प्रतिनिधियों द्वारा गलत व्यवहार के कई मामले सामने आए हैं। लेकिन ये मामला थोड़ा अलग है। जन प्रतिनिधियों के तथाकथित दंभ और ताकत का शिकार बने दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश। मुख्य सचिव साहब सीएम अरविंद केजरीवाल के निवास पर सरकारी कार्य के सिलसिले में उनके घर गए थे। लेकिन वहां जो कुछ हुआ उसे किसी तरह से उचित करार नहीं दिया जा सकता है। आप विधायकों ने (जिनमें से एक ओखला के विधायक अमानतुल्ला भी शामिल) पहले अंशु प्रकाश के साथ बदतमीजी की और बाद में एक शख्स ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया और जिस समय केजरीवाल के बंगले पर ये सब हो रहा था उस वक्त दिल्ली के सीएम भी मौजूद थे। इस सिलसिले में दिल्ली आइएएस एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है और इस संबंध में लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल से मुलाकात की है।

आम आदमी पार्टी ने उल्टे अंशु प्रकाश पर आरोप लगाया है कि उन्होंने विधायक प्रकाश जरवाल और अजय दत्त से बदसलूकी की थी। लेकिन आप विधायकों ने संयम का परिचय दिया। प्रकाश जरवाल ने इस संबंध में संगम विहार थाने में अंशु प्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

इस संबंध में दिल्ली के पूर्व सीएस उमेश सहगल ने दैनिक जागरण के खास बातचीत की लेकिन उससे पहले हम आप को बताएंगे कि आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने किस अंदाज में केजरीवाल सरकार को घेरा।

जानकार की राय

दिल्ली के पूर्व सीएस उमेश सहगल ने कहा कि जहां तक उन्हें याद है देश के इतिहास में पहली बार इस तरह से मर्यादा को तार-तार किया गया है। अगर आम आदमी पार्टी के किसी विधायक को आपत्ति थी वो अपनी बात रख सकता था। लेकिन अलग चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली पार्टी ने दिखा दिया है कि उनकी सोच क्या है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि ये आम आदमी पार्टी का गेम प्लान हो सकता है। हकीकत ये है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार कुछ कर नहीं रही है और अपनी नाकामी का ठिकरा नौकरशाही पर फोड़ रही है। दरअसल केजरीवाल सरकार कुछ करना ही नहीं चाहती है। आज दिल्ली ठहर गई है। प्रकाश जरवाल की शिकायत पर उमेश सहगल ने कहा कि हर किसी शख्स को पुलिस में जाने का अधिकार है। आइएएस एसोसिएशन को इस संबंध में अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए। घटनास्थल पर सीसीटीवी फुटेज को पुलिस को अपने कब्जे में लेकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

केंद्र सरकार ने इस मामले में संज्ञान ले लिया है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे घटनाक्रम पर दुख जताया और गृह मंत्रालय ने दिल्ली के उपराज्यपाल से रिपोर्ट मांगी है।

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जिस समय दिल्ली के मुख्य सचिव को अपमानित किया गया उस समय केजरीवाल के निवास पर 9 विधायक मौजूद थे।

केजरीवाल ने तानाशाहों की तरह मुख्य सचिव को आधी रात को बुलाया और सत्ता के नशे में चूर दिल्ली के सीएम के सामने जो कुछ हुआ वो अपने आप में सबकुछ कहने के लिए पर्याप्त है।

कपिल मिश्रा ने कहा कि ये हमला सुनियोजित है और शहर को अराजक स्थित में पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि दिल्ली खतरनाक मोड़ पर जा रही है। प्रशासन को लकवा मार गया है। लेफ्टिनेंट गवर्नर को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि अब ये साफ हो चुका है कि आप सरकार गलत तरीकों और भ्रष्टाचार में लिप्त है। केजरीवाल सरकार की फितरत बन चुकी है कुछ अच्छे काम की क्रेडिट लो और बुरे कामों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहरा दो।

 

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