ये है मौलाना करीम, इसने एक, दो या तीन नहीं बल्कि 39 महिलाओं से किया है बलात्कार

नई दिल्ली। बाबा रहीम की गिरफ्तारी और सजा के बाद अब बारी आयी है एक कथित मौलाना की. पुलिस ने बलात्कारी मौलाना करीम को धर दबोचा है. बता दें कि ये मौलवी पिछले 32 सालों से पुलिस की आँखों में धुल झोंकर अपनी अवैध गतिविधियां चला रहा था. पुलिस ने इस पर इनाम की घोषणा भी की हुई थी. कहा जा रहा है कि इस इनामी शातिर अपराधी का असली नाम आफताब उर्फ नाटे है, लेकिन ये मौलाना करीम के नाम से लोगों की आँखों में धुल झोंकता था. इसके अपराधों के बारे में जानकार तो आप और भी ज्यादा चौंक जाएंगे.

बलात्कारी मौलाना की खबर दिखाने से बच रहा मीडिया !

दो बलात्कार के आरोप गुरमीत राम रहीम की गिरफ्तारी पर छाती पीटने वाले मीडिया को 39 महिलाओं से बलात्कार करने वाले इस मौलाना की गिरफ्तारी पर सांप सूंघ गया है. कोई इस खबर को प्रमुखता से नहीं दिखा रहा है. इसके बारे माँ बताया जा रहा है कि ये कथित मौलाना ट्रिपल तलाक की पीड़ित मुस्लिम महिलाओं का हलाला के नाम पर यौन शोषण करने का धंधा चलाता था.

अब तक ये 39 महिलाओं का यौन शोषण कर चुका है. तमिल फिल्म में एक्टिंग कर चुके एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अनिरुद्ध सिंह ने एडीजी इलाहाबाद एसवी सावंत की अगुवाई में इस बदमाश को बॉलीवुड स्टाइल में गिरफ्तार किया. एसपी सिटी सिद्धार्थ शंकर मीणा के मुताबिक मौलाना करीम 1985 से फरार चल रहा था.

मस्जिदों और दरगाहों में छिपता था !

वो मुंबई, सूरत, अजमेर शरीफ और फर्रुखाबाद जैसे शहरों की मस्जिदों और दरगाहों में छिपता फिर रहा था. दरगाहों में आने वाले श्रद्धालुओं से मौलाना करीम खुद को तांत्रिक बताता था और भूत-प्रेत की बाधा दूर करने के नाम पर भी पैसे ऐंठता था औऱ उन्हें आफताब गंडा और ताबीज बनाकर देता था. एसपी सिटी के मुताबिक मौलाना करीम खुद को हलाला निकाह एक्सपर्ट भी बताता था.

हवालात में मुक्का-लात के बाद इस शातिर अपराधी मौलाना करीम ने झांसा देकर 39 महिलाओं का हलाला के नाम पर यौन शोषण करने की बात कबूल की है. उसने लोगों को धोखा तो दिया ही, साथ ही लाखों रुपए भी ऐंठे. धोखाधड़ी के लिए मौलाना करीम ने बाकायदा अपना एक नेटवर्क तैयार किया था. 33 सालों में उसने खुद को सिद्ध मौलाना बताकर दर्जन से ज्यादा शागिर्दों की टीम बनाई थी.

ये शागिर्द उसके झूठे तंत्र-मंत्र की विद्या का प्रचार प्रसार करते थे. ये इतना शातिर था कि पुलिस से बचने के लिए हर 15 दिन में अपना सिम कार्ड बदल लेता था और बेहद गोपनीय तरीके से अपने परिवार के संपर्क में रहता था. पुलिस ने जब इसके परिवार से पूछताछ की तो उन्होंने भी उसके बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी देने से मना कर दिया था.

परिवार ने भी किया गुमराह !

परिवार का कहना था कि उससे से उनका कोई संबंध नहीं है, क्योंकि वह उन पर तेजाब फेंक कर घर से भागा था और तब से वापस नहीं लौटा, जोकि सरासर झूठ था. पुलिस ने लगातार उसके परिजनों का नंबर सर्विलांस पर रखा और तब जाकर मौलाना करीम की लोकेशन का पता लग पाया. यूपी में तुष्टिकरण की सरकारों में इस अपराधी को नहीं धरा जा सका लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार ने ये काम कर दिखाया.

गिरफ्तारी के बाद मौलाना करीम ने बताया कि वो इलाहाबाद के शाहगंज थाना क्षेत्र में रहता था. 1981 में मोहल्ले के लड़के मोहम्मद अजमत ने उसकी भांजी से छेड़छाड़ की, जिसे देख वो गुस्से से उबाल पड़ा और उसने बदला लेने की ठान ली. बदला लेने के लिए उसने अजमत पर गोली दाग दी, जिससे उसकी मौत हो गयी. क़त्ल के इल्जाम में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और दो साल बाद 1983 में जिला कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा सुनाई, हालांकि वो दो साल बाद ही जमानत पर बाहर आ गया और फिर शहर से भाग गया.

 

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