योगी सरकार ने बहाल की यश भारती पेंशन, आधी हुई रकम

लखनऊ। दिवंगत कवि गोपाल दास ‘नीरज ने जिस यश भारती पेंशन की बहाली के लिए पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार की थी, उसे राज्य सरकार ने अब सशर्त बहाल कर दिया है। यह बात दीगर है कि राज्य सरकार ने यश भारती सम्मान और पद्म पुरस्कार से नवाजी गईं विभूतियों को पहले दी जाने वाली 50 हजार रुपये की पेंशन राशि को आधा यानी 25 हजार रुपये प्रति माह कर दिया है।

पेंशन की बहाली के लिए योगी सरकार ने अब ‘उप्र के यश भारती और पद्म पुरस्कार से सम्मानित महानुभावों के लिए मासिक पेंशन नियमावली, 2018 बनाकर जारी की है। नियमावली के मुताबिक यह पेंशन यश भारती और पद्म पुरस्कारों से सम्मानित उन लोगों को आजीवन दी जाएगी जिन्हें कोई और सरकारी पेंशन न मिल रही हो।

ऐसे लोग किसी सरकारी सेवा में कार्यरत भी नहीं होने चाहिए। न ही वे आयकरदाता होने चाहिए। ऐसे लोगों की जन्मभूमि या कर्मभूमि उप्र होनी चाहिए। नियमावली के तहत पात्र व्यक्तियों को 25 हजार रुपये की मासिक पेंशन आजीवन दी जाएगी। पेंशनर को प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में जीवित होने का प्रमाणपत्र देना होगा तभी पेंशन जारी होगी।

समिति करेगी आवेदनों का परीक्षण

पेंशन के लिए तय प्रारूप पर निदेशक संस्कृति को आवेदन करना होगा। निदेशक संस्कृति की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है जो प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कर शासन को प्रस्ताव भेजेगी। समिति की बैठक साल में एक बार बुलायी जाएगी। हालांकि जरूरत पडऩे पर अध्यक्ष की अनुमति से समिति की बैठक कभी भी बुलायी जा सकती है।

शासन द्वारा पेंशन स्वीकृति के आदेश जारी करने के दो महीने के अंदर पेंशन राशि का नियमित भुगतान किया जाएगा। चयनित लाभार्थियों को पेंशन का भुगतान छमाही आधार पर उनके बैंक खाते में ई-पेमेंट के जरिये किया जाएगा।

सरकार कभी भी बंद कर सकेगी पेंशन

राज्य सरकार स्वीकृत पेंशन किसी भी समय बिना कोई कारण बताये या नोटिस दिये बिना निरस्त कर सकती है। इसके अलावा अनैतिक, आपराधिक दोष, किसी भी जुर्म पर दंडित होने, गलत ढंग से पेंशन पाने की स्थिति में भी पेंशन निरस्त कर सकती है। पेंशनर लिखित सूचना देकर पेंशन लेने से मना कर सकता है। एक बार ऐसे करने पर उसे फिर दोबारा पेंशन भुगतान नहीं हो सकेगा।

 

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