योगी सरकार में भ्रष्टाचार उन्मूलन के शिकार हुए 2 IAS, चार के घरों पर आयकर छापा
लखनऊ। केन्द्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के सयुक्त अभियान का शिकार आज यूपी के 4 अधिकारियों को होना पड़ा। भ्रष्ट अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने में दोनों ही सरकार कोई भी कदम उठाने से नही चूक रही है। भ्रष्टाचार के विरूद्ध कार्यवाही के अन्तर्गत आज आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश के 2 IAS अधिकारी सहित चार अधिकारियों के यहां सुबह से ही छापेमारी की कार्यवाही एक साथ शुरू की गई है। बताया जाता है कि इन अधिकारियों ने आय से अधिक संपत्ति के रूप में अकूत धनरशि एकत्र कर रखी थी परन्तु आयकर रिर्टन में अपनी आय बहुत कम दिखा कर आयकर की चोरी कर रहे थे।
आयकर विभाग को इन अधिकारियों के अलावा उत्तर प्रदेश के अन्य कई अधिकारियों के संबंध में ऐसी सूचनाएं प्राप्त हुई है,जिस पर आशा की जा रही है कि शीघ्र हीउन लोगो पर भी इसी प्रकार की कार्यवाही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने शपथ लेने के तत्काल बाद IAS अधिकारियों से पंद्रह दिन के अंदर अपनी संपत्ति का ब्योरा देने को कहा था। मुख्य सचिव के बार-बार निर्देशों के बावजूद करीब सौ IAS अधिकारियों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा अभी तक नही दिया है। संपत्ति का ब्योरा न देने वाले अधिक तर IAS अधिकारी ऐसे हैं जो पिछली सरकारों की नाक का बाल थे। मुख्यमंत्री योगी जब तक ऐसे अधिकारियों के विरूद्ध कड़े कदम नहीं उठाएंगे तब तक सभी अधिकारियों से संपत्ति का ब्योरा मिलना संभव नहीं होगा। ब्यौरा न देना इस बात का प्रमाण है कि उनकी संपत्ति का ब्योरा आयकर में दिये गये संपत्ति के विवरण से मेल नही खाता होगा।
आयकर विभाग द्वारा आज लखनऊ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, बागपत, मैनपुरी और दिल्ली स्थित अधिकारियों के आवासों पर सुबह से ही एक साथ छापेमारी की कार्यवाही की गई। जिन अधिकारियों के आवासों पर छापे मारी की कार्यवाही की गई है उनमें निदेशक (स्वस्थ्य) हृदय शंकर तिवारी , एडीशनल सीईओ ग्रेटर नोएडा एथोरिटी (IAS) वी के शर्मा, वीके शर्मा की पत्नी ममता शर्मा जो आरटीओ के पद पर कार्यरत है,के अतिरिक्त विशेष सचिव जेल एस के सिंह भी है।
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