राज्यसभा उपसभापति चुनाव: हरिवंश के खिलाफ UPA में एकता नहीं, विपक्ष की तरफ से NCP का लड़ने से इनकार

नई दिल्ली। राज्यसभा में उपसभापति पद के चुनाव के लिए बीजेपी नीत एनडीए ने जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन हरिवंश के खिलाफ यूपीए में उम्मीदवार को लेकर एकता नहीं दिख रही है. अब खबर है कि विपक्ष की तरफ से शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) ने भी लड़ने से इनकार कर दिया है.

पहले खबर थी कि विपक्ष एनसीपी की सांसद वंदना चव्हाण को उम्मीदवार बना सकता है. राज्यसभा में उपसभापति पद के लिए नौ अगस्त को चुनाव होगा. विपक्ष के उम्मीदवार के लिए आज शाम विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक भी हुई. लेकिन अब खबर मिल रही है कि एनसीपी ने अपने उम्मीदवार को लड़ाने से इनकार कर दिया है.

वहीं, बीजेडी प्रवक्ता के मुताबिक, बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से हरिवंश को समर्थन देने की अपील की है. इससे पहले नीतीश कुमार ने तेलांगना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव से भी बात की थी.

इस चुनाव में एनडीए और यूपीए के पास नंबर जुटा पाना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि दोनों ही पक्षों के पास जीत के लिए जरुरी आंकड़े नहीं है. ऐसे में राज्यसभा में 9 सीटों वाला बीजू दल जीत हार के खेल में किंगमेकर की भूमिका निभा सकता है. बता दें कि हाल ही में सेवानिवृत्त हुये उपसभापति पी जे कुरियन का कार्यकाल पिछले महीने यानी जुलाई में खत्म हो गया था.

जानें क्या है बहुमत का जादुई आंकड़ा?

राज्यसभा में वर्तमान में 244 सांसद ही वोट करने की स्थिति में हैं. ऐसे में किसी भी दल को जीतने के लिए 123 सीटें मिलनी जरूरी हो जाती हैं. वर्तमान में राज्यसभा में एनडीए के पास 115 सीटें हैं, जिनमें सबसे ज्यादा बीजेपी के पास 73 सीटें हैं. वहीं यूपीए के पास 113 सीटें हैं. जिनमें कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा 50 सीटें हैं. वहीं अन्य दलों के पास राज्यसभा में 16 सीटें हासिल हैं. इनमें सबसे ज्यादा नौ सीटें बीजेडी के पास हैं.

यूपीए को चाहिए दो दलों का समर्थन

इस स्थिति में अगर बीजेडी के 9 सांसदों ने एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में अपना वोट डाला तो एनडीए के पास (115+9) 124 सीटें हो जाएंगी जो बहुमत से एक सीट ज्यादा होगी. वहीं अगर बीजेडी यूपीए को अपना समर्थन देती है तो यूपीए के पास (113+9) 122 सीटें हो जाएंगी. ऐसी स्थिति में यूपीए को बहुमत के लिए एक सीट की और जरूरत होगी. ऐसे में बीजेडी के समर्थन के अलावा यूपीए को किसी और दल से भी समर्थन की दरकार होगी.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Back to top button