राज्यसभा चुनाव: … तो इस तरह से झारखंड में हेमंत सोरेन ने दी सीएम रघुबर दास को मात

रांची। यूं तो उम्मीद के मुताबिक झारखंड से भाजपा के समीर ऊराव और कांग्रेस के धीरज साहू राज्यसभा का चुनाव जीत गये मगर इस चुनाव के कई मायने निकाले जा रहे हैं. सबसे पहले तमाम कोशिशों के बावजूद भाजपा अपने दूसरे उम्मीदवार को नहीं जीता नहीं पाई. हालांकि भाजपा के इशारे पर बहुजन समाज पार्टी के शिवपूजन मेहता और सीपीआई-एमएल के राजकुमार यादव ने वोट डालने में गड़बड़ी की, जिससे उनका वोट रद्द हो गया. साथ ही बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के एक विधायक प्रकाश राम ने क्रॉस वोटिंग किया, लेकिन इसके अलावा भाजपा के दूसरे उम्मीदवार प्रदीप संथलिया के लिए दो दागी विधायकों ईनोस एक्का और भानुप्रताप शाही के अलावा गीता कोड़ा ने भी वोट डाले. हालांकि, इससे पहले भी इन लोगों ने भाजपा के उम्मीदवार के लिए ही वोट दिया था.

जहां तक इस चुनाव का विश्लेषण है, माना जाता है कि भाजपा विरोधी दल वो चाहे जेएमएम हो या कांग्रेस या जेवीएम, सबमें एक बढ़िया तालमेल के अलावा सरकार के प्रति आक्रामकता देखने को मिली. यह पहला चुनाव था जब हेमंत सोरने अगले साल होने वाले विधान सभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद किसी चुनाव में रघुबर दास के साथ दो-दो हाथ कर रहे थे और पहले राउंड में ही हेमंत, रघुबर दास को मात देने में कामयाब रहे.

बता दें कि चुनाव में समीर उरांव को 27 वोट मिले, जबकि धीरज साहू को 26 मत हासिल हुए. वहीं दूसरे सीट पर बीजेपी उम्मीदवार प्रदीप सोंथालिया को 25 मत मिले थे, लेकिन दूसरी वरीयता के कैल्कुलेशन के मुताबिक सोंथालिया का आंकड़ा 25.99 तक पहुंचा. इसके बाद धीरज साहू ने 0.1 वैल्यू से सोंथालिया को पराजित किया. हालांकि जेवीएम विधायक प्रकाश राम के क्रॉस वोटिंग के बाद विपक्ष के खेमे में खलबली मची रही, लेकिन चुनाव का रिजल्ट आने के बाद झारखंड में विपक्ष की एकजुटता को बल मिला.

 

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