राम और कृष्ण की जन्मस्थली कहे जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा धर्म को न मानने वाले लोग

godतहलका एक्सप्रेस

लखनऊ/नई दिल्ली। देश में जनणगना के धार्मिक आंकड़े सामने आ गए हैं। इसमें पता चला है कि देश में 28.7 लाख लोग यानी कुल आबादी का 0.24 फीसदी हिस्सा किसी धर्म को नहीं मानता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे ज्यादा नास्तिक किस राज्य में हैं?

किसी धर्म को न मानने वालों की सबसे ज्यादा संख्या राम और कृष्ण की जन्मस्थली कहे जाने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में है। जी हां, पहली बार जनगणना के धर्म आधारित आंकड़ों से यह बात पता चली है।

उत्तर प्रदेश में 5.82 लाख लोग किसी धर्म को नहीं मानते हैं। इस राज्य के अलावा बिहार, बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी एक-एक लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं, जिनका किसी भी धर्म में भरोसा नहीं है।

इस लिस्ट में ज्यादातर राज्य दक्षिण भारत के हैं। इसकी एक वजह वहां पर नास्तिकता या तर्कवाद को लेकर चले कई आंदोलन हैं। इस तरह के आंदोलनों का इतिहास सबसे ज्यादा तमिलनाडु का रहा है, लेकिन सबसे ज्यादा दंगों के लिए बदनाम और राम जन्म भूमि और बाबरी मस्जिद के विवाद को लेकर देश-दुनिया में चर्चित राज्य उत्तर प्रदेश किसी धर्म को न मानने वाले सबसे ऊपर हैं।

तमिलनाडु में ईवी रामास्वामी (1879-1973) ने 90 के दशक की शुरुआत में प्रसिद्ध पेरियार आंदोलन चलाया था। यह आंदोलन नास्तिकता (या तर्कवाद) के प्रसार के लिए जाना जाता है। इसके बाद उन्होंने द्रविड़ कड़गम नाम से राजनीतिक पार्टी बनाई थी। इसकी विभिन्न शाखाओं और डीएमके जैसी द्रविड़ियन पार्टियों के सदस्यों ने खुले तौर पर नास्तिकता का प्रसार और उसे स्वीकार किया। हालांकि, समय बीतने के साथ ही इसके कुछ मानने वालों ने धर्म और धार्मिक रीतियों का पालन शुरू कर दिया, जिसके खिलाफ पेरियार ने जीवन भर संघर्ष किया था।

 

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