राष्ट्रपति चुनाव: कांग्रेस की अगुवाई में 16 दलों की बैठक जारी, 5 नाम हैं चर्चा में

नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस की अगुवाई में 16 विपक्षी दलों की बैठक शरद पवार के आवास पर शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार के लिए पांंच नाम विचार में हैं. इनमें कांग्रेस नेता मीरा कुमार, शिंदे, बालाचंद्रे मुंगेकर, प्रकाश अंबेडकर और गोपाल कृष्ण गांधी हैं.

सूत्रों के मुताबिक मीरा कुमार के नाम पर सहमति बन सकती है, लेकिन कांग्रेस के लिए परेशानी की बात ये है कि शरद पवार और मायावती की पार्टी सरकार के उम्मीदवार के साथ जा सकती है.

लेकिन उसके पहले ही नीतीश कुमार ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन का एलान करके विपक्ष की हवा निकाल दी है. अब बड़ा सवाल यही है कि क्या निर्विरोध राष्ट्रपति बन जाएंगे रामनाथ कोविंद?

नीतीश ने आसान की रामनाथ की राह

नीतीश ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन का एलान करके कांग्रेस और लालू यादव को बड़ा झटका दे दिया है.

नीतीश कुमार बिहार में कांग्रेस और लालू यादव की पार्टी के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, लेकिन पटना में कल विधायकों की बैठक में नीतीश के इस फैसले से लालू यादव जैसे उनके साथी सकते में हैं. राष्ट्रपति चुनाव में सोनिया और लालू के प्लान में नीतीश ने सेंध लगा दी है.

कांग्रेस की अगुवाई में 17 विपक्षी पार्टियों की बैठक तो हो रही है, लेकिन अब विपक्ष के पास अपना राष्ट्रपति बनाने की ताकत नहीं बची है. नीतीश कुमार के समर्थन के बाद एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के लिए पास उससे ज्यादा वोट जुट चुके हैं, जितने में जीत होती है.

क्या कहता है वोटों का गणित?

एनडीए के पास राष्ट्रपति चुनने के लिए अभी पांच लाख 32 हजार वोट हैं. ओडिशा की सत्ताधारी बीजेडी ने भी कोविंद का समर्थन कर दिया है. बीजेडी के पास 37 हजार 257 वोट हैं.  बीजेपी को दक्षिण भारत की दो प्रमुख पार्टियां वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस का समर्थन भी हासिल है और अब नीतीश की पार्टी के भी 20 हजार 779 वोट एनडीए के खाते में आ गए. – यानि अब कोविंद के समर्थन में छह लाख 29 हजार 658 वोट हो गए हैं. जो जीत के लिए जरूरी पांच लाख 49 हजार 422 वोटों से कहीं ज्यादा हैं.

कांग्रेस का प्लान फेल ?

आज शाम 4.30 बजे कांग्रेस की अगुवाई में जब 17 विपक्षी दल राष्ट्रपति चुनाव पर मंथन करेंगे तो उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं होंगे, क्योंकि उद्धव को तोड़ने का कांग्रेस का प्लान फेल चुका है. मायावती आज की बैठक में शामिल होंगी लेकिन वो पहले ही दलित के नाम पर कोविंद को समर्थन करने का एलान कर चुकी हैं.

विपक्ष को कोई अप्रत्याशित उम्मीद दिखी तो वो कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे या गोपाल कृष्ण गांधी का नाम आगे कर सकती है.

 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button