राहुल गांधी ने कैसे भारत को बदनाम करने के लिए “The Wire” के FAKE NEWS का सहारा लिया
22 जनवरी 2018 को द वायर द्वारा प्रकाशित लेख ‘Richest 1% Cornered 73% of Wealth Generated in India in 2017: Oxfam Survey’में उन्होंने ऑक्सफेम की एक रिपोर्ट ‘Reward Work, Not Wealth’ के अनुसार ये लिखा की भारत में 1% सबसे अमीर ने पिछले वर्ष उत्पन्न 73% धन अर्जित किया था|
द वायर ने अपने इसी लेख में “World Inequality Lab” की एक और रिपोर्ट “World Inequality Report के बारे में भी ज़िकर किया है इन रिपोर्टों का हवाला देते हुए द वायर आय असमानता को लेकर चिंता जताता है लेकिन तथ्य यह है कि इन दो रिपोर्टों के निष्कर्ष काफी हद तक एक दुसरे से अलग हैं, जिससे वायर रिपोर्ट द्वारा प्रस्तुत तथ्यों की निरंतरता पर सवाल उठाया जाता है।
जिसे द वायर ऑक्सफेम का सर्वे बता रही है वो दरअसल क्रेडिट सुइस की एक रिपोर्ट Global Wealth Databook 2017. में से बिना विचार किये उठाया गया अंश है| द वायर के खुद के लेख में ही असमानता है एक जगह तो लेख में विश्व असमानता रिपोर्ट का उल्लेख किया गया है, जिसमें कहा गया है कि 2014 में कुल आय में से 1% कमाई कर्ता ने कुल आय के 22% अधिकृत किया है और दूसरी तरफ ऑक्सफेम सर्वे के अनुसार ये लिखा की भारत में 1% सबसे अमीर ने पिछले वर्ष उत्पन्न 73% धन अर्जित किया और वो ऑक्सफेम सर्वे क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट पे आधारित है जिसमे बताया गया है की भारत के शीर्ष 1% के पास में 45.1% धन का हिस्सा है|
इसको देखते ही राहुल बाबा हमेशा की तरह इतने उत्तेजक हो गये की बिना कुछ जाने समझे ठीक मोदी जी के दावोस संबोधन के पहले उनको और मोदी सरकार को इस पर सवाल करने लगे|
Dear PM,
Welcome to Switzerland! Please tell DAVOS why 1% of India’s population gets 73% of its wealth? I’m attaching a report for your ready reference. https://t.co/lLSNOig5pE— Office of RG (@OfficeOfRG) January 23, 2018
हम समझाने की कोशिश करते है और आशा करते है की राहुल गाँधी को कुछ समझ आजाये|वैसे भी ये उद्धृत विश्व असमानता रिपोर्ट 2014 से है, जो मौजूदा सरकार के प्रयासों पर सवाल नही उठा सकती क्यूंकि ये तो पिछली कई सरकारों के भ्रष्टाचार के नतीजे है|
ऊपर दिए गए आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि 2000 और 2013 के बीच, शीर्ष 1% और 10% की आय निरंतर तेजी से बढ़ी, जबकि मध्य 40% और नीचे के 50% की आय में निरंतर गिरावट आई। अब, हम सब ये अच्छे से जानते है किसकी सरकार 2000 से 2013 के बीच अधिकांश वर्षों से कार्यालय में थे|राहुल गाँधी को प्रधान मंत्री जी से पूछताछ के बजाय आयकर विषमता पर खुद से पहले सवाल करना चाहिए है|
क्या 2016 और 2017 के बीच आय असमानता में वृद्धि हुई है?
हम देख सकते हैं कि 2016 में, शीर्ष 1% के पास 58% और शीर्ष 10% में 80% धन का हिस्सा था जो की 2017 में निचे गारा है यानी की बड़ा नही कम हुआ है| 2017 में शीर्ष 1% के पास 45% और शीर्ष 10% के पास 73% धन का हिस्सा था।
यानी की मोदी सरकार के दौरान आय असमानता बड़ी नही कम हुई है|और इसी बात को ट्विटर पर आनंद रंगनाथन जी ने सामने लाया और मीडिया से भी पूछा की इतनी बड़ी उपलब्धि को उन्होंने क्यूँ सामने नही लाया|
Not one Indian journalist is asking Oxfam why it is totally silent on the fact that income inequality in India has actually REDUCED? Does Oxfam not see this as good news? Or does this not fit the narrative? https://t.co/kMNHU5YhYF
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) January 23, 2018
ये दर्शाता है की ऑक्सफैम और द वायर ने तथ्यों को समझने में कुछ गलती कर दी है जब की वास्तव में भारत में आय असमानता में 2016 और 2017 के बीच गिरावट आई है।
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