रीता बहुगुणा जोशी ने माना, देवरिया शेल्टर होम में बच्चियों का शारीरिक शोषण हुआ

लखनऊ। योगी सरकार की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने मान लिया है कि देवरिया के मां विंध्यवासिनी शेल्टर होम में लड़कियों का शारीरिक शोषण हुआ है. रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि हालांकि अभी रिपोर्ट आना बाकी है लेकिन उन्हें लगता है कि बच्चियों के साथ यौन शोषण हुआ है.

मंत्री रीता बहुगुणा ने कहा कि अगर लड़की ने ऐसा आरोप लगाया है तो सरकार यह मानकर चल रही है कि ऐसा हुआ होगा. विपक्षी दलों पर इस संवेदनशील मामले पर सियासत करने का आरोप लगाते हुए बहुगुणा ने कहा कि सभी इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे है, जिसमें वे लोग भी शामिल हैं जिनके शासनकाल में ऐसी संस्थाए खोली गई थीं.

बता दें कि मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच दल एडीजी अंजू सिंह के नेतृत्व में देवरिया गई थी. जिसने मां विध्यवासिनी शेल्टर होम में बच्चों का बयान भी दर्ज किया और साथ ही दस्तावेजों का भी निरीक्षण किया गया 42 बच्चों का नाम था. लेकिन मौके पर 3 लड़के और 20 लड़कियां मिले.

इस उच्चस्तरीय जांच दल से बात करने के बाद बहुगुणा ने सवाल किया है कि मान्यता खत्म होने के बाद भी पुलिस द्वारा इस संस्था में बच्चे क्यों और कैसे भेजे गए इस बात जांच होनी चाहिए. वहीं बहुगुणा ने यह भी सवाल किया कि संस्था में सिर्फ 23 बच्चे मिले तो अन्य कहां गए ? बहुगुणा ने आश्वासन दिया है कि 48 घंटों में इन बच्चों का पता चल जाएगा.

बहुगुणा ने कहा कि डीपीओ, जिला प्रोबेशन अधिकारी और बाल अधिकारी की भी जांच हो रही है. मामले से संबंधित किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा. बहुगुणा ने आरोप लगाया कि देवरिया के शेल्टर होम को 2010 में मान्यता मिली थी, जिसे पिछली सरकार ने बहुत सी सुविधाएं दी गई थीं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मां विध्यवासिनी नामक होम में छापा मार कर 24 लड़कियों को मुक्त कराया था.  मान्यता रद्द होने के बावजूद यह शेल्टर होम अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था. मामले की संवेदशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ सभी जिलाधिकारियों को महिला एवं बाल संरक्षण गृहों के जांच के आदेश दिए है.

 

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