रूपाणी कैबिनेट में पाटीदारों की बल्ले-बल्ले, OBC समुदाय दरकिनार

अहमदाबाद। गुजरात में बीजेपी की छठी बार सरकार बनी है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 10 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्यमंत्रियों ने मंगलवार को शपथ ली. रूपाणी कैबिनेट में पाटीदारों की बादशाहत रही बरकरार, लेकिन ओबीसी समुदाय को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया. गुजरात की नई सरकार में सिर्फ एक ओबीसी समुदाय के विधायक को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, लेकिन कोली समाज को कैबिनेट में जगह ही नहीं मिल सकी.

रूपाणी के 19 मंत्रियों में से 6 पाटीदार

गुजरात में पाटीदार समुदाय की नाराजगी को दूर करने के लिए बीजेपी ने फिर ट्रंप कार्ड खेला है. रूपाणी सरकार में पाटीदार समुदाय के पांच कैबिनेट और एक राज्यमंत्री बनाए गए हैं.  इनमें डिप्टी सीएम नितिन पटेल, आरसी फालदू, कौशिश पटेल, सौरभ पटेल और जयेश रादड़िया को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. राज्यमंत्री के रूप में पाटीदार समुदाय से किशोर कनानी को लिया गया है. जबकि इससे पहले वाली सरकार में पाटीदार समुदाय के 7 मंत्री शामिल थे.

गुजरात में 16 फीसदी पाटीदार समुदाय है. बीजेपी का ये परंपरागत वोटर माना जाता है. पाटीदार आरक्षण आंदोलन के चलते इस बार के विधानसभा चुनाव बीजेपी से पाटीदार वोटबैंक खिसका है. ऐसे में बीजेपी ने उन्हें कैबिनेट में सबसे बेहतर भागीदारी देकर एक बार फिर से नाराजगी दूर करने की मंशा के तहत देखा जा रहा है.

ओबीसी की उम्मीदों पर फिरा पानी

रूपाणी सरकार के पार्ट-2 में ओबीसी समुदाय को उनकी भागीदारी के हिसाब से हिस्सेदारी नहीं मिली है. रूपाणी कैबिनेट में सिर्फ एक ओबीसी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. ओबीसी कोटे से दिलीप ठाकोर को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. चाणस्मा विधानसभा सीट से ठाकोर विधायक हैं. सूबे में करीब 54 फीसदी ओबीसी समुदाय है इसमें करीब 14 फीसदी ठाकोर समुदाय है. इस बार के विधानसभा चुनाव में ठाकोर समुदाय ने बीजेपी को बड़ी तादाद में वोट दिया. मंत्रिमंडल में भी अच्छी खासी जगह मिलने की उम्मीद थी.

कोली समाज के खाते में सिर्फ राज्यमंत्री

रूपाणी सरकार के कैबिनेट में कोली समुदाय को जगह नहीं मिली है. कोली समाज से दो विधायकों को राज्यमंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में जगह मिली है. इनमें परषोत्तम सोलंकी और ईश्वर सिंह पटेल हैं. जबकि कोली समाज के बड़े तबके ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था. कोली समुदाय गुजरात में ओबीसी के तहत आता है और करीब 13 फीसदी है. बता दें कि ये तबका इस चुनाव के पहले कांग्रेस का परंपरागत वोटर माना जाता था, लेकिन बीजेपी ने इसमें सेंध लगाया है.राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कोली समुदाय से आते हैं. माना जा रहा था कि कोविंद को राष्ट्रपति बनाने से कोली समुदाय का झुकाव बीजेपी की ओर और बढ़ा है. देश के बाकी हिस्सों में कोली समुदाय दलित कटेगरी में आता है.

बाकी समाजों की भागीदारी

रूपाणी मंत्रिमंडल में आदिवासी समुदाय से गणपत वसावा को कैबिनेट मंत्री और  बचू भाई खाबड़ को राज्यमंत्री के तौर पर शामिल किया गया है. बीजेपी ने इस बार के विधानसभा चुनाव में आदिवासियों के बीच अपनी गहरी पैठ बनाई है. क्षत्रिय समुदाय से मंत्रिमंडल में भूपेन्द्र सिंह चुड़ास्मा को कैबिनेट मंत्री और प्रदीप सिंह जडेजा, जयद्रथ सिंह परमार को राज्यमंत्री के रूप में शामिल किया गया है. दलित समुदाय से कैबिनेट मंत्री के रूप में ईश्वर परमार को शामिल किया गया है. ब्राह्मण समुदाय से विभावरी दवे को राज्यमंत्री बनाया गया है. वे रूपाणी कैबिनेट में इकलौती महिला मंत्री भी हैं.

 

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