रूस से मिसाइल डिफेंस सिस्टम डील का रास्ता साफ, चीन-पाक को देंगे मुंहतोड़ जवाब

armsतहलका एक्सप्रेस
नई दिल्ली। भारत रूस से दुनिया की मोस्ट एडवान्स्ड एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम खरीदने जा रहा है। इस डील के लिए भारत सरकार की ओर से मंजूरी मिलने के बीच डिफेंस मिनिस्टर कल (शनिवार) रूस रवाना होने वाले हैं। पर्रिकर ने रूस जाने से पहले रूसी न्यूज एजेंसी ITAR-TASS को दिए इंटरव्यू में उम्मीद जताई कि दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के पहले रूस से डील फाइनल हो जाएगी।
चीन-पाक को मुंहतोड़ जवाब
बता दें कि हाल ही में डिफेंस एक्वीजिशन काउन्सिल ने इंडियन एयरफोर्स के प्रपोजल को मंजूरी दी है। भारत रूस के साथ यह डील कितने में कर रहा है, अभी इसका पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि एंटी-बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम- S-400 खरीदने के बाद भारत चीन या पाकिस्तान की ओर से किसी मिसाइल हमले की स्थिति में मुंहतोड़ जवाब दे सकेगा। भारत ऐसे 10-12 सिस्टम खरीदेगा।
क्यों खास है एस-400 डिफेंस सिस्टम?
> ये मिसाइल सिस्टम 400 किलोमीटर तक की रेंज में आने वाले दुश्मन के एयरक्राफ्ट, फाइटर जेट्स, स्टील्थ प्लेन, मिसाइल और ड्रोन तक को मार गिराने की काबिलियत रखता है। जाहिर है, भारत के बेहद नजदीक चीन या पाकिस्तान से किसी हमले के हालात में ये बेहद कारगर साबित होंगे।
> रूस की एस-400 डिफेंस सिस्टम में अलग-अलग क्षमता की 3 तरह की मिसाइलें मौजूद हैं।
> यह न्यू जेनरेशन का एंटी एयरक्राफ्ट-एंटी मिसाइल सिस्टम है।
> ये सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइलें 120-400 किलोमीटर की रेंज में किसी भी टारगेट को आसानी से मार गिरा सकती हैं।
> रूसी एक्सपर्ट्स का दावा है कि एस-400 मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में वार कर सकता है। यह रडार पर पकड़ न आने वाले स्टील्थ मोड के फिफ्थ जनरेशन फाइटर जेट्स (अमेरिकन एफ-35 फाइटर जेट) को भी मार गिरा सकता है।
>चीन ने भी यही मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिए रूस के साथ एक साल पहले 3 अरब डॉलर की डील की थी।
आने वाले वक्त में कुछ ऐसी होगी हमारी आसमानी ताकत
आकाश मिसाइल सिस्टम
– पूरी तरह से इंडियन मेड मिसाइल सिस्टम है।
– इंडियन आर्मी के 2 रेजिमेंट और एयरफोर्स के 15 स्कवॉड्रन्स को मिल चुके हैं।
– यह 25 किलोमीटर की रेंज में हमला कर सकता है।
स्पाइडर
– इजरायली लो लेवल क्विक रिएक्शन मिसाइल सिस्टम।
– इंडियन एयरफोर्स को फरवरी 2017 तक 4 स्पाइडर मिसाइल सिस्टम मिलेंगे।
– आर्मी के पास भी 15 किलोमीटर रेंज वाला स्पाइर मिसाइल सिस्टम होगा।
मीडियम रेंज मिसाइल सिस्टम
– डीआरडीओ और इजरायली एयरोस्पेस इंड्रस्ट्रीज का प्रोजेक्ट, जिसकी रेंज 75 किलोमीटर होगी।
– एयरफोर्स को साल 2016-17 तक करीब 10 हजार करोड़ रुपए कीमत के 9 सिस्टम मिलेंगे।
– नेवी की ताकत बढ़ाने के लिए 2600 करोड़ रुपए कीमत के सिस्टम दिए जाएंगे।
 

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