रेलवे में खत्म होगा VIP कल्चर, अब स्टाफ से घर का काम नहीं करा पाएंगे अधिकारी..पढ़ें 10 बातें

नई दिल्ली। एक के बाद एक हादसों के बीच रेलवे में मौजूद वीआईपी कल्चर पर करारा प्रहार किया गया है। रेलवे ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों से घर और कार्यस्थल पर मेहनत करने को कहा है। अभूतपूर्व फैसले के तहत मंत्रालय ने 36 साल पुराने उस प्रोटोकॉल को खत्म कर दिया है, जिसके तहत रेलवे बोर्ड चेयरमैन और बोर्ड मेंबर्स के जोनल विजिट के दौरान जनरल मैनेजर्स को उनके आगमन और विदाई पर प्रस्तुत होना पड़ता था। इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों से दो टूक कह दिया गया है कि अब वे स्टाफ से घरेलू कामकाज कराना तुरंत बंद कर दें।

मंत्रालय के कामकाज में बड़े परिवर्तन के तहत रेलवे बोर्ड ने 1981 के सर्कुलर को खत्म करने का फैसला किया, जिसके तहत ऐसे प्रोटोकॉल जरूरी किए गए थे। 28 सितंबर के अपने आदेश में मंत्रालय ने कहा कि रेलवे बोर्ड चैयरमैन और दूसरे मेंबर्स के विजिट के दौरान एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर प्रोटोकॉल को लेकर लागू गाइडलाइन और आदेश को त्वरित प्रभाव से खत्म किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने कहा कि कोई भी अधिकारी बुके या गिफ्ट नहीं लेगा।

वरिष्ठ अधिकारियों को ना केवल कार्यस्थल पर नए आदेश का पालन करने को कहा गया है, बल्कि सभी वरिष्ठ अधिकारियों से उन रेलवे कर्मचारियों को मुक्त करने को कहा है जो अभी उनके घरेलू कामकाज में लगाए गए थे।

बताया जाता है कि करीब 30,000 ट्रैकमैन वरिष्ठ अधिकारियों के घरों में काम करते हैं। उन्हें तुरंत ड्यूटी जॉइन करने को कहा गया है। मंत्रालय में मौजूद सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक महीने में करीब 6000-7000 कर्मचारी काम पर लौट चुके हैं।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘बहुत विशेष परिस्थिति के अलावा किसी को छूट नहीं दी जाएगी। हम उम्मीद कर रहे हैं कि सभी स्टाफ जल्द ही काम पर लौट जाएंगे।’ रेलमंत्री पीयूष गोयल ने अधिकारियों से यह भी कहा है कि आरामदेह सैलून और एग्जिक्युटिव क्लास को छोड़कर वे स्लीपर और एसी-3 क्लास में सफर करें।

रेलवे ने 36 साल पुराने प्रोटोकॉल को खत्म कर दिया

  1. रेल मंत्रालय ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए 36 साल पुराने एक प्रोटोकॉल को समाप्त कर दिया है. इसमें महाप्रबंधकों के लिए अनिवार्य था कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और बोर्ड के अन्य सदस्यों की क्षेत्रीय यात्राओं के दौरान उनके आगमन और प्रस्थान के समय मौजूद रहें.

  2. मंत्रालय में वीआईपी संस्कृति को समाप्त करने के लिए रेलवे बोर्ड ने 1981 के एक सर्कुलर में जारी निर्देशों को समाप्त करने का फैसला किया है. जिसमें इस तरह का प्रोटोकॉल था.

  3. मंत्रालय ने 28 सितंबर को एक आदेश में कहा कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और बोर्ड के अन्य सदस्यों की यात्राओं के दौरान हवाईअड्डों और रेलवे स्टेशनों पर अपनाये जाने वाले प्रोटोकॉल के संबंध में रेलवे को जारी निर्देश तथा दिशानिर्देशों को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है.

  4. रेलवे ने अधिकारी को गुलदस्ता और उपहार देने पर भी रोक लगाया है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा कि किसी अधिकारी को अब कभी भी गुलदस्ता और उपहार नहीं दिए जाएंगे.

  5. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को केवल दफ्तर में ही नहीं बल्कि घर पर भी इस तरह की पाबंदी का पालन करना होगा. सभी आला अधिकारियों को अपने घरों में घरेलू कर्मचारियों के रूप में लगे रेलवे के सभी स्टाफ को मुक्त करना होगा.

  6. अधिकारियों ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों के घरों पर करीब 30 हजार ट्रैकमैन काम करते हैं. उन्हें सेवा पर लौटने को कहा गया है.

  7. मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि पिछले एक महीने में करीब 6 से 7 हजार लोग काम पर लौट आए हैं.

  8. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,  किसी को काम पर वापस लौटने के निर्देश से छूट नहीं दी जाएगी. केवल बहुत विशेष परिस्थितियों में यह छूट दी जाएगी. हम उम्मीद कर रहे हैं कि सभी कर्मी जल्द काम पर लौटेंगे.

  9. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वरिष्ठ अधिकारियों से एक्जिक्यूटिव श्रेणी में यात्रा करना छोड़कर स्लीपर और एसी थ्री-टीयर श्रेणी के डिब्बों में अन्य यात्रियों के साथ सफर करने को कहा है.

  10. इन वरिष्ठ अधिकारियों में रेलवे बोर्ड के सदस्य, रेलवे जोनों के महाप्रबंधक और सभी 50 मंडलों के रेलवे प्रबंधक शामिल हैं.

 

 

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