लखनऊ : जाने कहां गई वो बातें, कहते थे वो कि महिला को देंगे स्वाभिमान

लखनऊ : कहां गए योगी सरकार के वायदे जिसमे साहब कहा करते थे कि महिलाओं को अब परेशान नही होना पड़ेगा, उनका सम्मान और स्वाभिमान दोनो की रक्षा करेंगे। क्या हुआ उस वायदे का कि पढ़ेंगी बेटिया और बढ़ेगी बेटिया…महाराज जी अब तो कुम्भकर्णी नींद से जागो और जगाओ अपने उस एंटी रोमियो स्कावायड को…जिस स्कावायड की महिलाओं की सुरक्षा के लिए आपने अमल में लाया था शायद वह रोमियो कहीं बंशी बजा रहा है। दूरदराज की तो छोड़िए मुख्यमंत्री जी आपके कर्म क्षेत्र और राज्य की राजधानी लखनऊ में एक बेटी को बड़ी रसूख वाला परेशान कर रहा है। छेड़ रहा है उस बेटी को जो बेटी उच्च शिक्षा ले रही है। रसूखदार के आगे थानेदार अपनी गर्दन झुकाए नतमस्तक हैं तो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के अंडर में पीड़िता पीएचडी कर रही है वो मामले को शांत करने का दबाव बना रहा है।

आपको मामला बताते चले दरअसल राजधानी में ही तैनात खाद्य विभाग में अधिकारी संजय सिंह जिनपर आरोप है कि ये अपने फोन से पीड़िता को परेशान करते हैं। पीएचडी के दौरान संपर्क में पीड़िता इनकी संपर्क में आई थी। जिसके बाद से दोनो के बीच बातचीत शुरू हो गई थी बाद में पीड़िता को आरोपी अश्लील मैसेज करने लगा। जबकि पीएचडी में मदद करने के एवज में संबंध बनाने का दबाव बनाने की बात कहते हैं। जब अश्लील मैसेज और गंदी बातों पर पीड़िता ने ऐतराज किया तो संजय सिंह ने कहा कि वो ब्लड प्रेशर के मरीज हैं और गलती से ये मैसेज या बात हो गई होगी। लेकिन जब इस मामले की पुनरावृत्ति होने लगी तो पीड़िता को संजय सिंह ने कहा कि वो बाहर रहती है उसको पैसे चाहिए बाकी ऐशोआराम वो सब मै पूरा कर दूंगा। जब पीड़िता ने इस बात पर उनको डांटा तो संजय सिंह ने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के साथ मिलकर फर्जी लेटर सर्क्यूलेट करवा दिया, जबकि सोशल मीडिया पर उसको अपलोड कर दिया। मुख्यमंत्री जी इस वेदना को सुनिए और उस रसूखदार पर कार्रवाई करिए। पीड़िता इन सब घटनाओं से आहत होकर बहुत दिनों तक घर से बाहर बी नही निकली।

महिला सम्मान के लिए बनाया था 1090 उसपर भी पीड़िता ने शिकायत किया लेकिन नतीज सिफर ही रहा । शाय़द रसूख के आगे उन्होने भी घुटने टेक दिए होंगे। हालांकि जब बात बहुत बढ़ गयी तब पीड़िता लखनऊ कमिश्नर ऑफिस गयी वहां कम्प्लेन करने पर कार्रवाई तो शुरू हो गई लेकिन आरोपी फिर भी परेशान कर रहा है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद से दूसरे नंबर्स से फोन आने शुरू हो गए। पुलिस एफआईआर तक लिखने में ढिलाई बरत रही है। जब पीडिता ने थाने से कमिश्नरेट ऑफिस तक की परिक्रमा पूरी की तब पहली रिपोर्ट दर्ज की गई।

योगी जी सत्ता की शपथ लेते वक्त आपने कानून का इकबाल कायम रखने की शपथ ली थी। जिसके बाद अपराधियों पर नकेल कसने के लिए ढेरो एंकाउंटर सैकड़ो गिरफ्तारियां भी करवायी। बयान दिया था आपने की अपराधी यूपी छोड़ दे वर्ना हश्र बुरा होगा। कहां गए ये शपथ वो एनकाउंडर और महिला सम्मान की बातें…आज एक बेटी एक शोहदे से परेशान है, जिसको की शिक्षा लेकर प्रदेश देश का मान बढ़ाना था वो बेटी आज पुलिस ताने और कमिश्नर ऑफिस के चक्कर काट रही है।

 

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