लखनऊ पहुँचे जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का प्रबल विरोध, कार्यक्रम में पड़े थप्पड़

लखनऊ। जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्टूडेंट विंग के नेता कन्हैया कुमार को लखनऊ में आयोजित लिटरेरी फेस्टिवल में भारी विरोध का सामना कर पड़ा। शुक्रवार को कन्हैया कुमार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे कुछ छात्रों ने उन्हें थप्पड़ भी जड़ दिए। पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद विरोध कर रहे छात्र वहां से भाग निकले।

कन्हैया कुमार लिटरेरी फेस्टिवल में आमंत्रित किये गये थे। वो शाम सात बजे कार्यक्रम में पहुंच भी गये। यहां उनकी पुस्तक ‘बिहार को तिहाड़’ पर चर्चा होनी थी। चर्चा होने से पहले ही वहां मौजूद 15 से 20 छात्र उनके खिलाफ नारे लगाने लगे। ‘कन्हैया भगाओ-देश बचाओ’ का शोर मचने लगा। इस बीच कुछ छात्रों ने कन्हैया को थप्पड़ भी जड़ दिये।

प्राप्त सूचनानुसार  इसके बावजूद कन्हैया मंच पर डटे रहे। उनके साथ आये कुछ छात्र भी विरोध कर रहे छात्रों से लोहा लेते रहे। यह सिलसिला काफी देर तक चलता। इस विवाद के बीच पुलिस काफी देर तक नहीं पहुंची।

लिटरेरी फेस्टिवल में कल एसिड अटैक पीडि़तों की तरफ से चलाए जा रहे शिरोज कैफे में कल जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार का जोरदार विरोध हुआ। कन्हैया कुमार लिटरे  री फेस्टिवल में अपनी किताब ‘बिहार से तिहाड़’ तक पर चर्चा करने के लिए पहुंचे थे। इसके विरोध में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) और अखिल भारतीय विद्यार्थी फेस्टिवल (एबीवीपी) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं कन्हैया समर्थकों और विरोध करने वालों के बीच हाथापाई भी हुई।

कई हिंदूवादी व सामाजिक संगठनों के युवा पहुंचे और कन्हैया को देशद्रोही बताते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ लोगों ने कन्हैया को काले झंडे दिखाने के साथ प्रदर्शन भी किया। यह हंगामा इतना बढ़ा कि एसिड अटैक पीडि़ताओं ने घेरा बनाकर कन्हैया कुमार को बचाया।

मामला बढ़ता देखकर किसी ने पुलिस को सूचना दी। हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची गोमतीनगर और विभूति खंड थाने की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को किसी तरह काबू किया। एसओ गोमतीनगर के मुताबिक कन्हैया कुमार को कार्यक्रम से निकालकर सुरक्षित बाहर ले जाया गया।

इस हंगामे के बाद कन्हैया कुमार ने कहा कि वे देशद्रोही नहीं हैं। स्वतंत्रता सेनानी के खानदान से आते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें गोली भी मार दी जाएगी तब भी वे संघर्ष के मैदान से नहीं हटेंगे।

इस हंगामे के बाद जिला प्रशासन ने कहा कि कार्यक्रम में शामिल होने वाले अतिथियों की सूची में कन्हैया कुमार और शत्रुघ्न सिन्हा का आना शामिल नहीं था। प्रशासन ने इसे अनुमति के शर्तों का उल्लंघन मानते हुए लिटरेरी फेस्टिवल के आगे के कार्यक्रम पर रोक लगा दी। देर शाम कल इस कार्यक्रम में हंगामे के बाद जिला प्रशासन ने लखनऊ लिटरेरी फेस्टिवल को रद कर दिया।

आयोजक कार्यक्रम को शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिये दोनों गुटों को समझाते रहे लेकिन विरोध करने वालों ने किसी की नहीं सुनी। पुलिस के आने के बाद कन्हैया मंच पर खड़े हो गये और वामपंथी समर्थक ‘कन्हैया तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं’ के नारे लगाने लगे। कार्यक्रम में भाजपा के बगावती नेता और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा और पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी भी मौजूद थे।

अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती अनिल कुमार का कहना है कि आयोजन समिति ने आने वाले मेहमानों की जानकारी छिपाई थी।

 

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