लखनऊ- पुलस्त तिवारी एनकाउंटर फर्जी, मानवाधिकार आयोग से जांच की मांग…

Pulast Tiwari encounter Lucknow:- पुलस्त तिवारी के लखनऊ पुलिस से हुए कथित मुठभेड़ को गलत बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जाँच की मांग…

Pulast Tiwari encounter Lucknow:-

लखनऊ. एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने 09 तथा 10 अगस्त 2020 की रात सर्वोदय नगर, इंदिरा नगर, लखनऊ निवासी पुलस्त तिवारी के लखनऊ पुलिस से हुए कथित मुठभेड़ को गलत बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से इस संबंध में जाँच की मांग की है.

  • लखनऊ पुलिस ने दावा किया था कि आशियाना थाना क्षेत्र में देर रात हुई मुठभेड़ में 25 हजार के इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को गिरफ्तार किया है,
  • जिसके दाहिने पैर में गोली लगी है.
  • पुलिस के अनुसार आशियाना पुलिस जोन-8 दफ्तर के पास चेकिंग कर रही थी,
  • जहाँ पुलस्त बिना नंबर प्लेट की काले रंग की बाइक पर आया तथा पीछा करने पर गोली चलाया.

राजधानी पुलिस के एनकाउंटर पर उठ रहे सवाल

पुलिस के मुताबिक बिना नम्बर प्लेट के वाली बाइक से पुलस्त तिवारी जा रहा था

जिसका पीछा पुलिस ने किया जिसके बाद पुलिस पर अपराधी ने किया था फायर- पुलिस

एनकाउंटर से पहले का सीसीटीवी फुटेज आया सामने

जिसमें पुलस्त तिवारी को दो लोग कार में बैठाकर ले गए थे।

शाम करीब 6 या 6 बजकर तीस मिनट पर ले गए थे- पुलस्त के पारिवारिकजन

9 अगस्त को पुलस्त को शाम को ले गए उसी रात भागने की बात कह कर एनकाउंटर किया गया- परिवार

जिसको लेकर सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने मानवाधिकार आयोग से शिकायत की है

नूतन ठाकुर ने पुलिस के एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए है

इससे पहले भी कई बार राजधानी पुलिस के एनकाउंटर पर सवालिया निशान उठ चुके है- नूतन ठाकुर

बीते दिनों आशियाना थाना क्षेत्र में हुआ था एनकाउंटर

लखनऊ पुलिस ने दावा किया था कि आशियाना थाना क्षेत्र में देर रात हुई मुठभेड़ में 25 हजार के इनामी बदमाश पुलस्त तिवारी को गिरफ्तार किया है,

जिसके दाहिने पैर में गोली लगी है.

पुलिस के अनुसार आशियाना पुलिस जोन- 8 दफ्तर के पास चेकिंग कर रही थी,

जहाँ पुलस्त बिना नंबर प्लेट की काले रंग की बाइक पर आया तथा पीछा करने पर गोली चलाया.

पुलस्त की बहन ने पुलिस कमिश्नर के पीआरओ से बात की

नूतन के अनुसार पुलस्त की माँ मंजुला तिवारी तथा अन्य परिवार के लोगों ने उन्हें बताया कि 09 अगस्त की शाम करीब 6-6.30 बजे दो पुलिस वाले उनके घर आये और वे पुलस्त को अपने साथ ले गए. इनमे एक का नाम महेश दूबे था. पुलस्त की बहन ने इस संबंध में पुलिस कमिश्नर के पीआरओ से भी फोन से बात की.

इसके अलावा पुलस्त के परिवार वालों के पास उसे ले जाते समय के सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी हैं. इसके विपरीत पुलिस ने उसी रात पुलस्त को भागता हुआ दिखा कर उसके पैर में गोली मारी.

ठोर विधिक एवं प्रशासनिक कार्यवाही किये जाने की मांग

इसे मानवाधिकार उल्लंघन एवं अधिकारों के दुरुपयोग का एक गंभीर उदाहरण बताते हुए नूतन ने मानवाधिकार आयोग को इस मामले की जाँच करते हुए कठोर विधिक एवं प्रशासनिक कार्यवाही किये जाने की मांग की है.

 

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