लालू के जेल जाने के बाद क्या करवट लेगी बिहार की सियासत?

पटना। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में सजा पाने के बाद शनिवार को तीसरी बार जेल गए तो सबसे बड़ा सवाल यही था कि इसका बिहार और राष्ट्रीय राजनीति पर क्या असर होगा? लालू प्रसाद पिछले कई सालों से यूपीए की धुरी रहे हैं। बीजेपी के खिलाफ मजबूत आवाज रहे हैं। 

जानकारों के अनुसार भले इससे पहले 2 बार जेल जाने के बाद लालू प्रसाद राजनीतिक तौर पर और मजबूत बन कर निकले हों, लेकिन इस बार उनके सामने सबसे कठिन चुनौती है। बिहार में नीतीश और नरेन्द्र मोदी की अगुआई वाली एनडीए के सामने लालू ही विपक्ष की एकमात्र आवाज थे। उनके जेल जाने के बाद विपक्ष का स्पेस पूरी तरह खाली होगा और पिछली बार की तरह जेडीयू और बीजेपी गलती नहीं करेगी और उस स्पेस को खत्म करने की पूरी कोशिश करेगी। बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं और एनडीए को पता है कि अभी यहां दबदबा बढ़ाने का सबसे अच्छा समय है। राज्य में कांग्रेस का अब कोई खास प्रभाव नहीं है। कांग्रेस ने लालू को सजा के बाद दिल्ली में तुरंत कहा कि उसका गठबंधन आरजेडी से जारी रहेगा लेकिन हकीकत यह है कि बिहार में पार्टी की इतनी ताकत नहीं है कि ऐसी विपरीत परिस्थिति में वह लालू प्रसाद और आरजेडी को जरूरी सहारा दे सके।

बीजेपी-जेडीयू सतर्क
लालू प्रसाद यादव को सजा मिलने के बाद एनबीटी ने बिहार से जुड़े बीजेपी और जेडीयू नेताओं से बात की तो उन्होंने कहा कि आरजेडी इस बार लालू के लंबे समय तक जेल में रहने का नुकसान नहीं संभाल पाएगी। जेडीयू के एक सीनियर नेता ने कहा कि बिहार में लालू ही विपक्ष का चेहरा थे और अभी कोई दूसरा चेहरा नीतीश-मोदी के सामने टिक नहीं पाएगा। ऐसे में 2019 आम चुनाव में एनडीए को लालू के जेल में रहने से पूरा लाभ मिलता दिख रहा है। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि इससे पहले जब लालू जेल गए थे तो बिहार की राजनीति में नीतीश और बीजेपी भी संक्रमण काल से गुजर रहे थे, जिस कारण उनकी प्रासंगिकता बनी हुई थी। लेकिन जेडीयू इस बात को लेकर सतर्क है कि पार्टी लालू की सजा को ओवरप्ले नहीं करे ताकि कोई काउंटर रिएक्शन न हो। एनडीए नेताओं का यह भी दावा है कि तेजस्वी यादव से आरजेडी एकजुट नहीं रह पाएगा और उनके कुछ सीनियर नेता पाला बदल सकते हैं।

आरजेडी का दावा, मिलेगा फायदा
दूसरी तरफ आरजेडी नेताओं ने दावा किया कि लालू प्रसाद यादव का जेल जाना भले पार्टी सुप्रीमो के लिए झटका हो लेकिन राजनीतिक रूप से इसका लाभ होगा। पार्टी पूरे बिहार में लालू की सजा को पिछड़ों के खिलाफ भेदभाव के रूप में पेश करेगी और 14 जनवरी से लालू के बेटे तेजस्वी यादव पूरे बिहार का दौरा करेंगे। पार्टी लालू के जेल जाने के बाद इसकी राजनीतिक माइलेज लेने की कोशिश करेगी और यादव-मुस्लिम के बाहर अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश करेगी। यही कारण है कि लालू को सजा मिलने के बाद पार्टी ने तुरंत इसे पूरे पिछड़ों के दमन के रूप में पेश किया।

2019 चुनाव से पहले जेल से निकल पाना मुश्किल
लालू को जेल होने के बाद आरजेडी नेताओं ने तुरंत कहा कि वे हाई कोर्ट में अपील करेंगे। 3 जनवरी को सजा मिलने के बाद जमानत के लिए भी जाएंगे। लेकिन फिलहाज जो केस की स्थिति है उस हिसाब से लालू प्रसाद का तुरंत जेल से निकल पाना आसान नहीं है। अभी इस केस में सजा मिलने के अलावा 4 और केस में कोर्ट का फैसला आना है। उन सब में अगर लालू प्रसाद को सजा मिलती गई तो सबमें अलग-अलग सजा मिलेगी और सब में अलग-अलग जमानत लेनी होगी। इस सूरत में लालू प्रसाद को 2019 आम चुनाव से पहले जमानत मिलना बेहद कठिन है। अगले आम चुनाव में लालू प्रसाद के जेल में रहने से यूपीए को झटका लग सकता है।

 

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