लैंड बिल के बाद GST को अटकाने की तैयारी में कांग्रेस

GST2तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। भूमि अधिग्रहण बिल पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति का कार्यकाल बढ़वा लेने के बाद अब कांग्रेस गुड्स ऐंड सर्विसेज (जीएसटी) बिल पर गौर कर रही राज्यसभा की सिलेक्ट कमिटी में चतुराई भरा कदम उठा रही है। यह समिति 24 जुलाई को रिपोर्ट देने वाली है और सरकार इसका इंतजार कर रही है। संसद का सत्र शुरू होने वाला है, लेकिन ललित मोदी के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की करीबी से उठे विवाद के कारण इस सत्र में जोरदार हंगामा होने के आसार बन रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं को पता है कि भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ माहौल ज्यादा गरम था, लेकिन जीएसटी बिल पर सिलेक्ट कमिटी में तो कांग्रेस की ही तरह कई गैर-एनडीए दल भी सिद्धांत रूप से इसके पक्ष में हैं। लिहाजा कमिटी में कांग्रेस के सदस्य कई रणनीतियों पर एकसाथ काम कर रहे हैं। इनमें बिल का विरोध न करना, लेकिन कुछ अहम बदलावों की मांग करना, बिल के विरोध में अड़ी एआईएडीएमके का रणनीतिक रूप से साथ देना, समान सोच वाले दलों के साथ मिलकर समिति के कार्यकाल में विस्तार की मांग करना और अगर मांगें पूरी न हुईं तो बिल पर राजी न होने के अपने बिंदु तैयार रखने के कदम शामिल हैं। कांग्रेस, एआईएडीएमके, वाम दलों आदि की असहमति से इस संविधान संशोधन बिल को पास कराने की सरकार की कोशिशों को पलीता लग सकता है क्योंकि इसके लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत है। समिति की बैठक का अगला दौर शुक्रवार से शुरू होने वाला है और तब विभिन्न दलों का रुख और साफ होगा, जब फाइनल रिपोर्ट पर क्लॉज दर क्लॉज बहस होगी। कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘हमें पता है कि चेयरमैन भूपेंद्र यादव (बीजेपी) बिल के कुछ पहलुओं पर हमारी आपत्तियों को खारिज करने और रिपोर्ट को फाइनल करने की कोशिश करेंगे। सरकार तृणमूल, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी जैसे दलों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर सकती है। यादव और कैबिनेट में उनके सलाहकारों को याद रखना चाहिए कि यह बिल सिलेक्ट कमिटी से नहीं, बल्कि संसद में आंकड़ों के आधार पर पास होगा।’ जीएसटी का विरोध किए बगैर कांग्रेस इस बिल की कुछ शर्तों को बदलवाना चाहती है। इनमें दो साल के लिए 1 पर्सेंट के प्रस्तावित इंटर-स्टेट टैक्स को खत्म कराने, जीएसटी टैक्स की हदबंदी 18 पर्सेंट पर करने, जीएसटी में तंबाकू और शराब को शामिल करने और विवादों को निपटारे के लिए एक बड़ा मैकेनिज्म बनाने जैसी मांगें हैं। इन मुद्दों पर कांग्रेस दूसरे दलों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है। इसमें उसे मौजूदा सियासी हालात से मदद मिल सकती है, जब ललित मोदी विवाद छिड़ा हुआ है और बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल गरम हो रहा है।

इस बीच, कांग्रेस ने उन रिपोर्टों को आधारहीन बताकर खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि कांग्रेस सुषमा स्वराज और वसुंधरा राजे को बर्खास्त करने के बदले जीएसटी बिल को सपोर्ट देने को तैयार है।

 

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