वाइफ स्वैपिंग को मजबूर करता था पति, स्कूटर से चलने वाला ऐसे बना लिकर किंग

लखनऊ। राजधानी में बेखौफ बदमाशों ने बीते शनिवार देर रात सरेआम एक महिला पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसके बाद पुलिस ने महिला के पति शराब माफिया संजय केडिया को सोमवार को अरेस्ट कर लिया। मंगलवार को घायल मोनिका सिंह की फैमिली ने संजय केडिया के बारे में कई खुलासे किए।
बहन मनीषा ने बताया कि संजय मोनिका को अपने दोस्तों की फैमिली के साथ ट्रिप पर ले जाया करता था। वहां शराब पीने के बाद उस पर वाइफ स्वैपिंग (पत्नियों की अदला बदली) का प्रेशर डालता था। उसके मना करने पर उसे मारता-पीटता था। हालांकि शराब का नशा उतरते ही माफी भी मांग लेता था। ये बातें मोनिका ने फैमिली से कभी शेयर नहीं की। लेकिन जब दोनों में अलगाव बढ़ा, तो उसने ये सारी बातें अपने घर वालों को बताईं।

शराब के व्यवसाय से जुड़े एक व्यापारी ने नाम न छापने की शर्त पर संजय केडिया के बारे में खुलासा किया। उसने बताया कि वो 2001 में जब यूपी में लिकर किंग पोंटी चड्ढा का बिजनेस नहीं था, तब उसकी कंपनी के लिए गोरखपुर और देवरिया में सेल्स मैन का काम किया करता था। संजय को उस समय कमीशन से ही 10 हजार रुपए महीना मिला करता था। वो एक स्कूटर से चलकर शराब की दुकानों पर जाकर ऑर्डर लिया करता था। यही नहीं पोंटी चड्ढा की फिल्म डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए भी वो कस्बे, गांव-देहात में फिल्मों की रील भी पहुंचाता था। तब उसका गोरखपुर में जुबली टॉकीज के पास ऑफिस हुआ करता था।
व्यवसायी ने बताया कि संजय की हालत इतनी खराब थी कि 2005 तक उसका मकान और जो थोड़ी बहुत जमीन देवरिया में थी, वो सब बैंक में गिरवी थी। कई बार RC भी कटी, लेकिन जोड़-तोड़ में माहिर संजय जेल जाने से बचता रहा। 2007 तक उसके ऊपर काफी उधार हो चुका था। उसने 5 किसी से 5 हजार, किसी से 10 हजार तो किसी से 3-3 हजार भी ले रखे थे।
संजय केडिया की किस्मत 2008 से बदली, जब मायावती सरकार में पोंटी चड्ढा को यूपी में शराब का होलसेल का ठेका मिला और खनन का पट्टा मिला। लंबे समय से वो चड्ढा की कंपनी से जुड़ा था, जिसका उसे फायदा मिला। उसे गोरखपुर हेड बनाया दिया गया। यहीं से उसकी किस्मत पलट गई। अभी तक जो शराब की दुकान 3 से 4 परसेंट कमीशन देकर मिल जाया करती थी। उसने 8 से 10 फीसदी कमीशन लेना शुरू कर दिया किया। मेन कमीशन तो कंपनी को दिया बाकी खुद रख लिया।
यहीं नहीं उसने 25 से 30 जिलों में अपने जानने वालों को शराब के ठेके दिलवाए और उनसे मोटा कमीशन लिया। यही काम उसने खनन में भी किया। इसके बाद देवरिया से लेकर गोरखपुर, लखनऊ में अपना घर बनवाया। मायावती गवर्नमेंट के बाद संजय केडिया ने कंपनी के अलावा भी उसने रिश्तेदारों के नाम पर कई मॉडल शॉप खोलीं। जिसमे लखनऊ, गोरखपुर और संतकबीरनगर का नाम सामने आया है।
बहन मनीषा ने बताया कि शादी के एक-दो महीने तक तो सब ठीक रहा, लेकिन उसके बाद हालात ज्यादा बिगड़ने लगे। संजय जब रात में शराब पीकर घर आता तो वो चाहता था कि मोनिका उसके जूते-मोजे उतारे। कई दिनों तक ये सिलसिला चला भी, लेकिन कभी-कभी किसी बात पर नाराज होकर वो पैर भी मार देता था। इससे कई बार उसे चोट भी आई है।
संजय रात होते ही अलग पर्सनालिटी में बदल जाता था। अगर खाने में उसे कुछ पसंद नहीं आया तो सीधे थाली उठाकर मोनिका के ऊपर फेंक देता था। कई बार गर्म खाना होने की वजह से वो जल भी गई, लेकिन वो इन बातों को एवॉइड कर दिया करती थी। क्योंकि नशा उतरते ही वो माफी मांग लिया करता था।
मोनिका के पिता शत्रु सुधन सिंह ने बताया कि उसकी पहली शादी से उसको एक बेटी है। जब मोनिका की अप्रैल 2016 में शादी हुई तो हमने फैसला लिया कि बेटी अपने ननिहाल में ही रहेगी। लेकिन फिर भी वो झगड़ों में उसकी बेटी को लेकर ताने मारा करता था। जबकि उसकी खुद की पहली बीवी से बेटी है। बात-बात में कहता था- ‘तू मेरे लिए रखैल जैसी ही है।’
पिता के मुताबिक, साउथ सिटी में शादी के बाद दोनों रेंट पर रहते थे। इसके बाद सफेदाबाद में शालीमार अपार्टमेंट में इसने मकान लिया, लेकिन न तो मेरी बेटी को ले गया, ना ही हम लोगों को बुलाया। इस पर हमें शक हुआ, तब बेटी ने बताया कि इनकी पहले से शादी हो चुकी है। इसके बाद नवम्बर 2016 में हमने बेटी को अपने घर मायके बुला लिया और उसे तलाक देने का कहा। लेकिन संजय ने तलाक देने से मना कर दिया।
संजय केडिया को गाड़ियों और असलहों का भी शौक है। सपा सरकार में सांठ-गांठ कर उसने सिक्युरिटी भी ले रखी थी। उसके पास महंगे हथियार हैं। व्यवसायी ने बताया कि अपने अलावा परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर अलग-अलग उसने इंपोर्टड असलहे ले रखे हैं। गाड़ियों में एंडेवर, फोर्च्यूनर, स्कार्पियो, होंडा सिटी और अन्य महंगी गाड़ियां हैं।
मोनिका को बदमाशों ने करीब से छह गोलियां मारी थीं, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और कार से उतर कर मदद के लिए लिफ्ट भी मांगी। गोली लगने के कुछ देर तक तो वो होश में थी, लेकिन जब गिरी तो आसपास के लोग उसकी मदद को आ गए। पिता शत्रु सुधन सिंह ने बताया कि बेटी को 6 गोलियां लगी हैं, लेकिन उसे अभी निकाला नहीं गया है। डॉक्टर पहले उसके जबड़े में फंसी 3 गोलियां निकालना चाहते हैं, फिर हाथ में दो और पेट में धंसी एक गोली निकालेंगे। डॉक्टर्स जल्द ही ऑपरेशन करेंगे।
 

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