विदेशी चंदे से तीस्ता ने की 5 स्टार होटलों में मौज, NGO का लाइसेंस रद

19GUJRATनई दिल्ली। जिस विदेशी चंदे के पैसे से गुजरात दंगा पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाना था, उस पैसे से तीस्ता शीतलवाड़ व उनके पति ने अपनी अय्य़ाशी के साजो-सामान खरीदे। मैडम शीतलवाड़ का कभी पति-दोस्तों के साथ पांच सितारा होटलों पर लजीज डिनर का लुत्फ लेना हो,व्हिस्की पीनी हो या फिर आर्डर देकर मिठाई व केक घर मंगाना। यहां तक सैनिटरी नैपकिन गीले वाइप्स और कान साफ करने के लिए रुई  की जरूरत जब पड़ी तब विदेशी चंदे के खाते से पैसा घरेलू खाते में ट्रांसफर करा लिया।

खैरात के पैसे से मजे करने में मैडम ऐसी मस्त रहीं कि भूल गईं कि वह विदेशी खाते के पैसे को घरेलू खाते में भेजकर विदेशी चंदे का दुरुपयोग कर रहीं। दंगा पीड़ितों के चंदे के निजी इस्तेमाल की जांच में पुष्टि होने के बाद गृहमंत्रालय ने  तीस्ता शीतलवाड़ व उनके पति जावेद आनंद के स्तर से संचालित एनजीओ सबरंग ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस निरस्त कर दिया है। जिससे सबरंग एनजीओ को अब किसी प्रकार का चंदा नहीं मिल सकेगा।

केंद्र सरकार का गृहमंत्रालय तमाम एनजीओ को मिल रही विदेशी फंडिंग की जांच करता है। पता लगाया जाता है कि  विदेशी  चंदा कानून(एससीआरए) के तहत विदेशी चंदे का इस्तेमाल संबंधित उद्देश्य के लिए किया जा रहा है या नहीं। मगर जांच में पता चला कि तीस्ता व उनके पति सबरंग एनजीओ के पैसे से मजे लूट रहे हैं। निजी सुख-सुविधाओँ में पाई-पाई खर्च हो रहा। जबकि पैसे से दंगा पीड़ितों की सहायता की जानी थी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर कहा है कि केंद्र सरकार ने तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद की ओर से संचालित एनजीओ ‘सबरंग ट्रस्ट’ का स्थायी पंजीकरण तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है। सरकार ने दलील दी है कि विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के तहत एनजीओ की ओर से प्राप्त विदेशी चंदों का इस्तेमाल उन उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा रहा था, जिनके लिए उसे किया जाना चाहिए था।

गृह मंत्रालय की जांच में पता चला कि सबरंग ट्रस्ट ने सबरंग कम्युनिकेशन एंड पब्लिशिंग प्राइवेट लिमिटेड(एससीपीपीएल) में 50 लाख रुपये का इस्तेमाल किया। पति-पत्नी इस  कंपनी मे निदेशक, सह संपादक और प्रकाशक के रूप में काम करते रहे। जबकि विदेशी चंदे से कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं बल्कि समाजसेवा के ही कार्य हो सकता है। जिसके लिए बाहर से चंदा मिला हो। मगर इसके विपरीत काम मिलने पर गृहमंत्रालय ने एफसीआरए के तहत लाइसेंस निलंबित करने का फैसला लिया।

दरअसल अगर आपके एनजीओ को विदेशी चंदा मिलता है। तो विदेशी चंदे के खाते की धनराशि घरेलू खाते में नहीं भेजी जा सकती। घरेलू और विदेशी कोषों को मिलाना नियमों का उल्लंघ माना जाता है। बावजूद इसके सबरंग ट्रस्ट ने एफसीआरए खाते से 12 लाख रुपये का भुगतान तीस्ता व आनंद के क्रडिट कार्ड पर सिटी बैंक और यूबीआई मे किया। तीस्ता पर 2.46 लाख रुपये के घरेलू-विदेशी हेरफेर का भी मामला है। गृह मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि क्रेडिट कार्ड व्यक्ति के नाम पर जारी किए गए हैं। क्रेडिट कार्ड पर भुगतान से माना जा रहा कि विदेशी चंदे का इसतेमाल निजी सुख-सुविधाएं जुटाने में किया गया।

 

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