वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील का ऐलान बाकी, बनने जा रही देश की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी

नई दिल्ली। रेवेन्यू के आधार पर दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी वॉलमार्ट ने भारतीय ई-रिटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट को खरीदने की डील लगभग पूरी कर ली है. दोनों कंपनियों की तरफ से इस डील का ऐलान किसी भी समय किया जा सकता है. बीते एक महीने से इस डील पर बाजार की नजर है और सूत्रों का दावा है कि लगभग 15 बिलियन डॉलर में इस डील को करने के बाद वॉलमार्ट भारत में काम करने वाली सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी बन जाएगी.

वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट में करार के बाद भारत में वॉलमार्ट का कारोबार लगभग 10 बिलियन डॉलर का हो जाएगा. गौरतलब है कि वॉलमार्ट ग्लोबल के सीईओ डग मैकमिलन मंगलवार को इस डील के लिए भारत पहुंच चुके हैं और संभावना जताई जा रही है कि बुधवार को दोनों कंपनियों की तरफ से इस डील का आधिकारिक ऐलान कर दिया जाएगा.

भारत में वॉलमार्ट के मौजूदा कामकाज का बहुत आंकड़ा साझा नहीं किया गया है. हालांकि भारत में वॉलमार्ट का बेस्ट प्राइस- कैश एंड कैरी कारोबार लगभग 500 मिलियन डॉलर का है. वहीं अपने इंटरनेशनल स्टोर्स के लिए मौजूदा समय में वॉलमार्ट लगभग 3 बिलियन डॉलर के उत्पाद भारतीय कंपनियों से खरीदता है. इसके अलावा वॉलमार्ट लगभग 3 बिलियन डॉलर तक की जेनेरिक दवाइयों की खरीद भी भारतीय फार्मा कंपनियों से करते हुए दुनियाभर में सप्लाई करता है.

वॉलमार्ट बनेगी देश की सबसे बड़ी मल्टी नेशनल कंपनी

एक त्वरित अनुमान के मुताबिक वॉलमार्ट लगभग 43,700 करोड़ रुपये का कारोबार भारत में फ्लिपकार्ट की डील से पहले कर रहा है. वहीं इस डील के बाद फ्लिपकार्ट-मिन्त्रा-ईबे-जबॉन्ग के 22,911 करोड़ रुपये के कुल रेवेन्यू के बाद कयास लगाया जा रहा है कि वॉलमार्ट का भारत में कुल कारोबार लगभग 67,000 करोड़ तक पहुंच जाएगा.

गौरतलब है कि भारत में दूसरी सबसे मल्टीनेशनल कंपनी रोसनेफ्ट एस्सार ऑयल ने वित्त वर्ष 2016-17 में 63,722 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. वहीं देश की सबसे मल्टीनेशनल कंपनी मारुति सुजुकी ने इस दौरान कुल 70,418 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. लिहाजा, इस डील की स्थिति में वॉलमार्ट देश में दूसरी सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी तो बन ही जाएगी और वह पहले नंबर पर मारुति सुजुकी को बहुत जल्द पीछे भी छोड़कर पहले नंबर पर अपना कब्जा कर लेगी.

वॉलमार्ट दुनिया के सबसे बड़े मुक्त बाजार भारत में ई-रिटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट की 71-75 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव दिया है. इस डील के बाद वॉलमार्ट अमेरिका में अमेजन के हाथों मिली मात की भरपाई करने की कोशिश कर रहा है. इस डील के हो जाने के बाद वह दुनिया के एक बड़े बाजार पर अपना कब्जा कायम कर लेगा.

इस डील को रोकने के लिए बुधवार अमेजन की तरफ से फ्लिपकार्ट की बढ़कर बोली लगाई गई है. अमेजन ने प्रस्ताव दिया है कि वह वॉलमार्ट के 55 फीसदी शेयर खरीदने के प्रस्ताव पर खुद 60 फीसदी तक शेयर खरीदना चाहता है.

मौजूदा समय में जापान की सॉफ्टबैंक फ्लिपकार्ट में सबसे बड़ा निवेशक है. जापानी कंपनी ने भी फ्लिपकार्ट पर अपनी पकड़ बनाने की संभावनाओं से फिलहाल मना नहीं किया है. गौरतलब है कि पिछले महीने सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में 4 बिलियन डॉलर अतिरिक्त का निवेश करने का प्रस्ताव रखा था. हालांकि सॉफ्टबैंक ने इस प्रस्ताव के लिए शर्त रखी थी कि फ्लिपकार्ट के शेयर होल्डर्स वॉलमार्ट के साथ डील की जगह दूसरी अमेरिकी ई-रिटेल कंपनी अमेजन के साथ मर्जर डील को तरजीह दे.

अमेरिकी दिग्गज वॉलमार्ट ने इस डील के लिए भारतीय कंपनी फ्लिपकार्ट का 20 बिलियन डॉलर का आंकलन किया था. हालांकि अमेजन ने फ्लिपकार्ट का आंकलन इससे कहीं कम राशि पर किया है जिसके चलते डील और मर्जर के जानकारों ने शुरू से ही फ्लिपकार्ट और वॉलमार्ट डील की अधिक संभावना जाहिर की थी.

फ्लिपकार्ट शेयर होल्डर्स को वॉलमार्ट से फायदा?

हाल ही में टीओआई द्वारा प्रकाशित खबर में दावा किया गया कि फ्लिपकार्ट के शेयरहोल्डर्स को वॉलमार्ट की डील इसलिए भी ज्यादा फायदेमंद लग रही है क्योंकि उन्हें डर है कि अमेजन के साथ डील का मामला प्रतियोगिता आयोग के सामने कहीं कमजोर न पड़ जाए. वहीं जानकारों का यह भी दावा है कि अमेजन-फ्लिपकार्ट डील देश के कई क्षेत्रों के कारोबारियों को भी रास नहीं आ रहा है.

दावा यह भी किया गया है कि फ्लिपकार्ट के शेयर होल्डर्स को अमेजन के मुकाबले वॉलमार्ट से डील इसलिए भी फायदे का सौदा लग रहा है क्योंकि वॉलमार्ट डील से उन्हें उनके शेयर के बदले कैश मिलेगा. वहीं अमेजन डील में उन्हें सिर्फ शेयर स्वैप करने का मौका मिलेगा.

 

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