व्यापमं: IMA के जबलपुर प्रेसिडेंट को जान का खतरा

डीन की संदिग्ध हालत में मौत
vyapam3तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के जबलपुर के एमएस मेडिकल कॉलेज के डीन अरुण शर्मा की दिल्ली के एक होटल में संदिग्ध हालत में मौत हो गई। डॉक्टर शर्मा का शव दिल्ली के कापसहेड़ा में आईजीआई एयरपोर्ट के पास होटल उप्पल में रविवार सुबह मिला। उधर, आईएमए जबलपुर के प्रेसिडेंट सुधीर तिवारी ने भी इस मामले में अपनी जान को खतरा होने की आशंका जताई है। बता दें कि व्यापमं घोटाले की रिपोर्टिंग कर रहे एक टीवी जर्नलिस्ट की भी शनिवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। जर्नलिस्ट की बहन ने मध्य प्रदेश के सीएम को चिट्ठी लिखकर अपने भाई के विसरा की जांच सूबे से बाहर कराए जाने की मांग की है।
 शर्मा कर रहे थे जांच में मदद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. अरुण शर्मा व्यापमं की जांच कर रही एसआईटी की मदद कर रहे थे। वह मेडिकल एंट्रेस एग्जाम में बैठे फर्जी कैंडिडेट्स से जुड़े दस्तावेज एसआईटी को उपलब्ध करा रहे थे। बताया जा रहा है कि शर्मा ने एसटीएफ को 200 सूचनाएं मुहैया कराई थीं।
 जांच के लिए जा रहे थे
डॉक्टर शर्मा ने शनिवार को इस होटल में चेक-इन किया था। रविवार सुबह जब उनके कमरे पर दस्तक दी गई तो अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। पुलिस के मुताबिक, जब रूम खोला गया तो डीन का शव अंदर पड़ा मिला। उनके शरीर पर किसी जख्म का निशान नहीं था। सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टर अरुण शर्मा अगरतला मेडिकल कॉलेज की जांच के लिए जा रहे थे। इसके लिए वह दिल्ली एयरपोर्ट के करीब के ही एक होटल में ठहरे थे। दिल्ली पुलिस ने राजस्थान में उनके बेटे से बात की। बेटे ने बताया कि डॉक्टर शर्मा को दिल की बीमारी थी। पुलिस ने जब कमरे की तलाशी ली तो कमरे से कुछ दवाएं और वाइन की बोतल भी मिली है। उधर, शर्मा के घरवालों का कहना है कि जब तक जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक वे इसे नेचुरल डेथ मानकर ही चल रहे हैं।
 पूर्व डीन की भी हो चुकी है मौत
4 जुलाई 2014 को जबलपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डीके साकल्ले की भी संदिग्ध हालत में मौत हुई थी। डॉक्टर साकल्ले की लाश उनके घर में जली हुई अवस्था में मिली थी। आजतक उनकी मौत की असली वजह का पता नहीं चल सका है। साकल्ले ने व्यापमं घोटाले में शामिल फर्जी स्टूडेंट्स को अपने कॉलेज से बर्खास्त कर किया था।
 IMA प्रेसिडेंट ने जताया जान का खतरा
IMA जबलपुर के प्रेसिडेंट सुधीर तिवारी ने ड़ॉक्टर शर्मा की मौत पर शोक जताते हुए खुद की जान को भी खतरा बताया है। उन्होंने कहा, मुझे बताया गया है कि डॉक्टर शर्मा ने एसटीएफ को व्यापमं घोटाले के संबंध में 200 से ज्यादा जानकारियां दी हैं। एसटीएफ को इसे स्वीकार करना चाहिए।’ हालांकि उन्होंने अपने सोर्स का नाम के खुलासा नहीं किया। डॉक्टर सुधीर तिवारी ने आशंका जताई कि उनकी जान को भी खतरा है। सुधीर ने कहा, ‘घटना की जानकारी मिलने के बाद से ही अपनी सुरक्षा को लेकर आईजी को ज्ञापन देने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन अभी तक मैं उनसे मिलने या बात करने में कामयाब नहीं हुआ हूं।’ वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने डॉक्टर सुधीर के बयान के बाद आशंका जताई है कि सुधीर तिवारी व्यापमं घोटाले में जान गंवाने वाले 45 शख्स हो सकते हैं।
जर्नलिस्ट की मौत की होगी एसआईटी जांच
टीवी जर्नलिस्ट अक्षय सिंह की बहन ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखकर अक्षय के विसरा की जांच सूबे से बाहर कराए जाने की मांग की है। चिट्ठी में अक्षय की बहन ने दिल्ली के एम्स में ऐसी जांच को प्राथमिकता देने की बात भी कही है। व्यापमं घोटाले की कवरेज के दौरान टीवी जर्नलिस्ट अक्षय सिंह की मौत पर दुख जताते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसकी जांच एसआईटी से कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने जर्नलिस्ट के परिवार के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए कहा कि गुजरात के डॉक्टरों की एक टीम ने जर्नलिस्ट की लाश का पोस्टमॉर्टम किया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। शिवराज ने डीन की मौत की भी एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं।
अब तक 27 मौतें
व्यापमं घोटाले में दो और लोगों की मौत का मामला सामने आने के बाद इस मामले में जान गंवाने वालों की आधिकारिक संख्या 27 हो गई है। हालांकि, विपक्ष ये संख्या 43 बता रहा है। 25 से ज्यादा लोगों की मौत घोटाले में मामला दर्ज करने के बाद हुई है। इसमें मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे की संदिग्ध मौत का मामला भी शामिल है।
कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग
कांग्रेस महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि जब सीएम शिवराज हर मामले में सीबीआई जांच करवाने लगते हैं तो इस बार वह ऐसा करने से क्यों मना कर रहे हैं?
क्या है व्यापमं घोटाला
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन पदों की भर्तियां करता है, जिनकी भर्तियां म.प्र. लोक सेवा आयोग नहीं करता। इसके तहत प्री मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के एग्जाम होते हैं। घोटाले की बात उस वक्त सामने आई जब कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स, ट्रैफिक पुलिस, सब इंस्पेक्टरों की भर्ती परीक्षा के अलावा मेडिकल एग्जाम में ऐसे लोगों को पास किया गया जिनके पास एग्जाम में बैठने तक की योग्यता नहीं थी। सरकारी नौकरियों में करीब हजार से ज्यादा और मेडिकल एग्जाम में 500 से ज्यादा भर्तियां शक के घेरे में हैं। इस घोटाले की जांच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी कर रही है।
 

देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट 

हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :

कृपया हमें ट्विटर पर फॉलो करें:

हमारा ऐप डाउनलोड करें :

हमें ईमेल करें : [email protected]

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button