व्यापम घोटाले के साथ मौतों की जांच भी CBI को, एमपी के गवर्नर को भी नोटिस

supreme-court (3)तहलका एक्सप्रेस ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले और इस दौरान इससे जुड़े लोगों की मौतों के सारे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया है। हालांकि, फिलहाल इस पर फैसला नहीं हुआ है कि सीबीआई की जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट करेगा या नहीं। इस पर फैसला सीबीआई का जवाब मिलने के बाद 24 जुलाई को होने की उम्मीद है।
दूसरी तरफ, गवर्नर राम नरेश यादव को हटाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, राज्यपाल और मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब मांगा है। गौरतलब है कि व्यापम घोटाले में राम नरेश यादव पर भी आरोप है, लेकिन संवैधानिक पद पर होने की वजह से उनसे अब तक पूछताछ भी नहीं हुई है। राम नरेश यादव पर सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अधिकारियों की बैठक बुलाई है। उन्हें पद से हटाने का फैसला लिया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और तीन विसलब्लोअर- आशीष चतुर्वेदी, डॉ आनंद राय और प्रशांत पांडेय ने व्यापम घोटाले और उससे जुड़े लोगों की संदिग्ध मौतों की सीबीआई से जांच के लिए याचिका दी थी। गुरुवार को इस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने सीबीआई का रुख जानना चाहा तो राज्य की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि सरकार को इस पर कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद शीर्ष अदालत ने घोटाले और इससे जुड़े लोगों की मौत की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई रिपोर्ट मिलने के बाद उसकी जांच की निगरानी पर अगली सुनवाई 24 जुलाई को फैसला होगा। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट विसलब्लोअर की अर्जी पर अलग से सुनवाई भी करेगा। इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस देकर पूछा कि राम नरेश यादव पर कार्रवाई क्यों न की जाए। याचिका में हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाई कोर्ट के कल के फैसले पर नाराजगी जताई और कहा कि अदालत सीबीआई जांच का आदेश दे सकती थी। सुप्रीम कोर्ट ने आज कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि व्यापमं घोटाले से जुड़े सभी केस और मौतों की जांच सीबीआई के हवाले की जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश के राज्यापल रामनरेश यादव को हटाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है उन्हें नोटिस जारी किया है| कोर्ट ने कहा कि आखिर आपके खिलाफ एफआईआर क्यों न दर्ज की जाए| कोर्ट ने इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जबलपुर हाईकोर्ट को फटकार लगाते हुआ पूछा है कि आखिर कोर्ट ने पहले ही सीबीआई जांच के आदेश क्यों नहीं दिए| वकीलों के एक समूह ने राज्यपाल रामनरेश यादव के खिलाफ याचिका दायर की थी। राज्यपाल पर भी व्यापम घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा था। वकीलों ने मांग की थी कि राज्यपाल को पद से हटाया जाए और उनका बयान दर्ज किया जाए। सुप्रीम कोर्ट में पांच याचिकाएं दाखिल कर इस बड़े घोटाले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की गई थी। इन याचिकाओं में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह की अर्जी भी शामिल है। इसके अलावा आरटीआई कार्यकर्ता आशीष चतुर्वेदी, फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर आनंद राय और सायबर एक्सपर्ट प्रशांत पांडेय की अर्जी भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई|  इन चार याचिकाओं में व्यापम घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की गई थी जबकि पांचवी याचिका वकीलों के एक संगठन ने लगाई है। इस याचिका में मध्यप्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव को पद से हटाने और उनका बयान दर्ज करने की मांग की गई थी। रामनरेश यादव पर भी व्यापम घोटाल में शामिल होने का आरोप लगा है। गौरतलब है कि कांग्रेस के बढ़ते दबाव के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ही इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की हामी भरी है, शिवराज ने सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका के समर्थन की भी बात कही थी| उधर, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने व्यापम में हो रही मौत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधा है| ट्विटर पर दिग्विजय ने लिखा, “शिवराज को अब कन्यादान योजना के साथ ही पिंडदान योजना की शुरुआत भी कर देनी चाहिए|” गौरतलब है कि व्यापम में अब तक 46 मौतें हो चुकी हैं| जिसमें 4 मौतें पिछले हफ्ते हुई| इस घोटाले में हो रही संदिग्ध मौतों को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार हमले कर रहा है| ये घोटाला अब तक का सबसे खतरनाक घोटाला बनकर उभरा है|

 

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