शराब पीकर बस चलाने की कोशिश की तो अपने आप बंद होगा इंजन

मुंबई। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसों में कई बार ड्राइवरों के शराब पीकर गाड़ी चलाने की खबरें आती हैं। इंजिनियरिंग के कुछ छात्रों ने एक ऐसी तकनीक डिवेलप की है जिससे ऐसे ड्राइवरों को रोकने में मदद मिलेगी। इस तकनीक के मदद से ड्राइवर के केबिन में एक ‘एल्कॉहल सेंसर’ इंस्टॉल किया जाएगा। ऐसे में अगर कोई ड्राइवर नशे की हालत में केबिन में जाएगा तो बस का इंजन अपने आप बंद हो जाएगा।

महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर राउते ने मीडिया से कहा,’हम स्टेट ट्रांसपोर्ट और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की दूसरी बसों में यह सेंसर लगाने पर विचार कर रहे हैं।’ उन्होंने ये बातें मंगलवार को सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित एक वर्कशॉप के उद्घाटन के बाद कहीं। राउते ने कहा कि नशे की हालत में गाड़ी चलाना एक गंभीर और अक्षम्य अपराध है और सरकार ऐसे ड्राइवरों को सजा देने के लिए कड़े फैसले लेगी। राउते ने कहा कि विभाग सड़क हादसों से विकलांग होने वाले पीड़ितों के लिए इंश्योरेंस स्कीम शुरू करने पर भी विचार कर रहा है।

अधिकारियों ने कहा कि मंगलवार को आयोजित इस वर्कशॉप का मकसद परिवहन विभाग के कर्मचारियों, ट्रैफिक पुलिस, हाइवे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक करने के मकसद से आयोजित की गई थी। परिवहन चाहता है कि साल 2020 तक सड़क हादसों की संख्या 50% तक कम की जाए।

जॉइंट पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) मिलिंद भाराम्बे ने कहा,’हम हरेक दुर्घटना की वजहों का विश्लेषण और इन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं। व्यस्त सड़कों पर स्पीड जांचने वाले कैमरे लगाए जाएंगे ताकि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर काबू किया जा सके।’ अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र में दुर्घटना संभावित 96 जगहों को चिह्नित किया गया है जिनमें से 44 जगहों पर ऐहतियाती उपाय किए गए हैं।

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर प्रवीण गेडाम ने कहा कि परिवहन विभाग शिक्षा विभाग से स्कूलों में सड़क सुरक्षा पर एक चैप्टर शामिल करने को लेकर बातचीत कर रहा है।

 

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