शिवपाल के एकतरफा फैसले जो बढ़ा रहे हैं अखिलेश की मुश्किलें

akhilesh10लखनऊ। समाजवादी पार्टी के कुनबे में भले ही पिछले कुछ दिनों से शांति दिख रही हो लेकिन चाचा-भतीजे में पार्टी में वर्चस्व को लेकर लड़ाई लगातार जारी है. शिवपाल यादव और अखिलेश दोनों ऐसे एकतरफा फैसले ले रहे है जो इनकी आपसी लड़ाई को सतह पर ला रहा है.

अखिलेश यादव वो सरकारी फैसले ले रहे हैं जो शिवपाल यादव को चिढ़ा रहे है तो जवाब में शिवपाल यादव के सांगठनिक फैसले भी अखिलेश यादव को परेशान करने के लिए काफी है. अखिलेश ने शिवपाल के विरोधी को राज्यमंत्री का दर्जा दिया तो शिवपाल ने अखिलेश के करीबियों के टिकट छीन लिए.

अखिलेश यादव ने जावेद आब्दी को सिचाईं विभाग में सलाहकार का पद दिया तो ये शिवपाल यादव को चिढ़ाने के लिए काफी था क्योंकि ये वही जावेद आब्दी है जिन्हें शिवपाल यादव ने रजत जयंती कार्यक्रम में अखिलेश यादव के पक्ष में नारेबाजी करते वक्त धक्का दिया था जिसे दुनिया ने देखा था. उसी जावेद आब्दी को अखिलेश यादव ने दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बना दिया.

अखिलेश यादव के इस रवैये से शिवपाल यादव ने 23 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की, इस लिस्ट में चुनचुन कर उन लोगों के नाम है जिनका अखिलेश यादव सार्वजनिक रूप से विरोध कर चुके है. अतीक अहमद और सिबगतुल्लाह अंसारी को टिकट देना ही अखिलेश यादव को चिढ़ाने के लिए काफी था लेकिन चाचा शिवपाल यही नहीं रुके और सात उन लोगों की टिकट भी काट दी जो मुख्यमंत्री के करीबी थे.

बहरहाल शिवपाल यादव ने ये ऐलान किया कि सभी फैसले ‘नेताजी’ यानि मुलायम सिंह यादव की मर्जी से लिए गए है लेकिन ये फैसले ही आखिरी होंगे इसमें संदेह है. सूत्रों की माने तो अखिलेश यादव शिवपाल के एकतरफा फैसलों से नाराज़ है और अपने समर्थकों को ये भरोसा दिला रहे हैं कि आखिरी फैसला उन्हीं का होगा, ऐसे में अभी चाचा भतीजे के बीच कुश्ती के कई दौर बाकी है.

 

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