शिवपाल के विरुद्ध इस नेता ने ठोकी ताल, कहा- सीएम ने मुझे प्रत्याशी चुना है

papasakhileshyadavindलखनऊ। यहां हम अखिलेश और शिवपाल की लड़ाई की बात बिल्कुल नहीं कर रहे हैं। यहां बात हो रही है अखिलेश और शिवपाल यादव द्वारा एक ही विधानसभा से घोषित दो प्रत्याशियों के बीच के जंग की। ये लड़ाई इस बात की ओर अंदेशा कर रही है कि प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव अपने पिता और चाचा का दामन छोड़ अपनी नर्ई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। आपको बता दें कि अखिलेश के सभी करीबियों ने जिनके टिकट काटे गए थे उन्होंने फिर से अपने विधानसभा क्षेत्र में घूमना और अपना एवं अखिलेश का प्रचार करना शुरू कर दिया है।
समाजवादी पार्टी ने अतुल प्रधान को सरधना सीट से काफी समय पहले प्रत्याशी घोषित किया था। पार्टी में शीर्ष स्तर पर संग्राम शुरू हुआ तो नए प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री के करीबी अतुल प्रधान के स्थान पर अपने चहेते पिंटू राणा को सरधना सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया। पिंटू राणा ने क्षेत्र में चुनाव के लिए तैयारी शुरू की तो अतुल प्रधान भी पूर्व की तरह मैदान में डटे हैं। ऐसे में लोगों औैर पार्टी स्तर पर काफी असमंजस की स्थिति की पैैदा हो गई है। आखिर पार्टी का असली प्रत्याशी है कौन? ताज्जुब की बात तो ये है कि दोनों ही अपने को सपा का प्रत्याशी बता रहे हैं।
यादव परिवार की तरह अब प्रत्याशियों के बीच भी अजीब सी जंग जारी हो गई है। जहां पिंटू राणा ने बुधवार को पार्टी से निष्क्रिय कार्यकर्ताओं को बाहर करने की बात कही थी। उनका इशारा अतुल प्रधान के कट्टर समर्थकों की ओर था। अब उन्होंने 26 अक्टूबर को कुशावली रोड पर मुकुट महल में ठाकुर चौबीसी की पंचायत की है। मंगलवार को अतुल प्रधान ने रेल लाइन को लेकर मंडी समिति में पंचायत की थी। अतुल प्रधान इस मुद्दे को चुनाव में भुनाने के मूड में दिखाई दे रहे है। कुल मिलाकर दोनों नेता पूरी तैयारी के साथ चुनावी तैयारी में जुटे हैं। ऐसे में इस बात का पता लगाना आखिर दोनों में सपा समर्थक किसे वोट दें काफी मुश्किल हो रहा है।
इस बारे में अतुल प्रधान कहते हैं कि मैंने गुरुवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने मुझे स्पष्ट निर्देश दिया है कि चुनाव तुम ही लड़ोगे। जो लोग पार्टी से निष्क्रिय नेताओं को निकालने की बात कर रहे हैं, पहले खुद सक्रियता दिखाएं। क्षेत्र में विकास कराएं। वहीं पिंटू राणा का कहना है कि चुनाव वो लड़ेगा, जिसे पार्टी नेतृत्व प्रत्याशी घोषित करेगा। प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मुहर के बाद ही प्रत्याशी घोषित किया है।
प्रत्याशियों की ये जंग काफी दिनों से चल रही अखिलेश की नई पार्टी बनाने चर्चा पर मुहर लगा रही है। सूत्रों की मानें तो अखिलेश की ओर से उन सभी पूर्व प्रत्याशियों को कह दिया है कि वो अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव की तैैयारी शुरू कर दें। ऐसे में अखिलेश यादव जल्द ही अपनी नई पार्टी की घोषणा कर सकते हैं। ऐसा इसलिए भी संभव लग रहा है क्योंकि यादव परिवार में अभी तक तकरार खत्म नहीं हुई है। जहां मुलायम सिंह यादव कों भातृप्रेम खत्म नहीं हो रहा है। वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव पार्टी और सरकार में किसी का भी हस्तक्षेप बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। ऐसे में अखिलेश की नई पार्टी बनाने की पूर्ण संभावनाएं बन गई हैं।
 

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