श्रीनगर: लगातार चौथे जुमे की नमाज के बाद दिखाए झंडे, लिखा- आ रहा है IS

isis_14तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, नई दिल्ली/श्रीनगर। बॉर्डर से जारी घुसपैठ और आतंकी हमलों के बीच शुक्रवार को श्रीनगर में एक बार फिर इस्लामिक स्टेट के झंडे नजर आए। यह लगातार चौथा मौका है जब जुमे की नमाज के बाद श्रीनगर में इस आतंकी संगठन के झंडे दिखाए गए हैं। जो झंडे दिखाए गए उन पर लिखा था, ‘IS JK जल्द आ रहा है। श्रीनगर के जामिया मस्जिद इलाके में एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के झंडे भी नजर आए।
 जुमे की नमाज के बाद हुई इस घटना का सिक्युरिटी फोर्सेस को पहले से अंदेशा था। इसकी वजह यह है कि पिछले कई हफ्तों से हर शुक्रवार भारत विरोधी लोग इस तरह के प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वे हिरासत में रखे गए अलगाववादी नेताओं की रिहाई की मांग करते हैं। पहले उन्‍होंने पुलिस पर पथराव भी किए थे। इसलिए इस बार सिक्युरिटी फोर्स के लोग पहले से ऐसी किसी घटना से निपटने के लिए तैयार थे। लिहाजा प्रदर्शनकारियों को हिंसा करने का मौका हाथ नहीं लगा। इस बीच, उधमपुर में बीएसएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद घाटी में सिक्योरिटी अरेजमेंट्स काफी सख्त कर दिए गए हैं।
 श्रीनगर में कब-कब दिखे आईएस के झंडे?
 – 17 जुलाई शुक्रवार को श्रीनगर के नोहट्टा इलाके में एक मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद विरोध भड़का। प्रदर्शनकारियों ने आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा के झंडे दिखाए।
 – 24 जुलाई को श्रीनगर की जामिया मस्जिद में नमाज के बाद कुछ लोग आईएसआईएस का झंडा लिए नजर आए। उन्होंने नकाब पहन रखा था।
 – 31 जुलाई को इसी मस्जिद के बाहर नमाज के बाद फिर आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा के झंडे दिखाए गए।
 पुलिस अफसरों के मुताबिक आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे फहराने के पीछे 12 लड़कों का ग्रुप है। सीनियर पुलिस अफसरों के मुताबिक इंटेलीजेंस इनपुट और सीसीटीवी कैमरों से मिले फुटेज और फोटो के आधार पर इस ग्रुप से जुड़े लोगों की पहचान कर ली गई है और इन पर लगातार निगाह रखी जा रही है। इंटेलिजेंस एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि इस ग्रुप को आखिर फंडिंग कहां से हो रही है।
पिछले दिनों आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआईएस के लिए रिक्रूटमेंट करने वाले ऐसे 70 से 75 लोग भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर हैं। आईएसआईएस ज्वॉइन कर चुके इंडियन मुजाहिदीन के कुछ लोग भारत में रिक्रूटमेंट करने के लिए लोगों से संपर्क कर रहे हैं। ऐसे हैंडलर्स के होने की मौजूदगी खुफिया अफसरों ने भी मानी है। ये अफसर उस ऑपरेशन का हिस्सा रहे हैं, जो बीते एक साल में तेलंगाना के 17 यंगस्टर्स को आईएसआईएस ज्वाॅइन करने के लिए विदेश जाने से रोक चुके हैं।
 ISIS से भारत को कितना खतरा है?
 1. नवंबर में ही आगाह कर चुके थे एनएसए डोभाल
 नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल ने नवंबर में ही आगाह कर दिया था कि आईएसआईएस के मामले में भारत को रणनीतिक नजरिया अपनाना चाहिए। वहां आतंकियों के बढ़ रहे मूवमेंट के मद्देनजर उसके संभावित नतीजों के लिए तैयार रहना चाहिए। डोभाल ने एक लीडरशिप समिट में कहा था- देश के किसी भी धार्मिक मुस्लिम नेता ने आईएसआईएस का सपोर्ट नहीं किया है। सभी ने आईएस और अलकायदा के खिलाफ फतवे जारी किए हैं। आईएसआईएस और अलकायदा देश में आतंकी हमले कर हिंसा फैला सकते हैं लेकिन हमारा देश इतना मजबूत है कि वह ऐसे संगठनों से निपट लेगा।
 2. लेकिन राजनाथ सिंह को लगता था- आईएस से देश को खतरा नहीं है
 मार्च में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जयपुर में कहा था कि देश में आईएसआईएस का असर नहीं है। भारतीय मुस्लिम युवकों को आकर्षित करने में आईएसआईएस नाकाम रहा है।
 3. एनआईएभी कह चुकी है- भारत के खिलाफ साजिश रच सकता है आईएसआईएस
 मुंबई के कल्याण से भागकर आईएसआईएस में शामिल होने गए अरीब मजीद के खिलाफ मई में नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (एनआईए) ने चार्जशीट दायर की थी। इसमें एनआईए ने कहा था कि हो सकता है कि आईएस आने वाले समय में भारत विरोधी आतंकी समूहों से रिश्ते बढ़ा ले। आईएस यह साजिश रच रहा है कि कैसे भारतीय युवकों और एनआईआर लोगों को संगठन से जोड़कर इराक-सीरिया के साथ भारत और अन्य एशियाई देशों में आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाए।
 4. भाजपा सांसद को ही मिली ISIS की धमकी
 जून में भाजपा सांसद तरुण विजय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस आयुक्त को भेजी शिकायत में कहा कि उन्हें जिहाद के खिलाफ लेख लिखने के लिए आईएसआईएस से जान से मारने की धमकी मिली है। उन्होंने कहा था कि उनका ईमेल आईडी 15 दिन में दो बार हैक हो गया था। इसी में उन्हें धमकी मिली।
 

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