श्रीलंका क्रिकेट की बढ़ीं मुसीबतें, अब रणतुंगा बोले- ऊपर तक फैला है भ्रष्टाचार

कोलंबो। विवादित अल जजीरा वीडियो में श्रीलंका में हुए गाले टेस्ट मैच के चर्चा में आने के बाद श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड की मुसीबतें बढ़ती जा रहीं हैं. अब श्रीलंका के विश्व कप विजेता कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने कहा कि श्रीलंका में भ्रष्टाचार ‘शीर्ष पद तक फैला है’ और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद पर मैच फिक्सिंग रोकने में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया. रणतुंगा अभी सरकारी मंत्री हैं. उन्होंने कहा कि श्रीलंका में क्रिकेट में भ्रष्टाचार अल-जजीरा द्वारा रविवार को दिखाए गए वृतचित्र में किये गये दावों से कहीं ज्यादा बड़े स्तर पर मौजूद है.

टीवी समाचार चैनल अल जजीरा ने रविवार को एक वृत्तचित्र में दिखाया था कि एक मैदानकर्मी और एक खिलाड़ी गाले में 2016 में ऑस्ट्रेलिया की श्रीलंका के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में 229 रन की हार के दौरान पिच से छेड़छाड़ करने को लेकर कथित तौर पर चर्चा कर रहे थे.

रणतुंगा ने कहा कि आरोपों की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह लंबे समय से चल रहा होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसी चीज है जो श्रीलंका में शीर्ष स्तर तक फैली है. यह तो बड़े तालाब में छोटी मछली की तरह है. हमेशा की तरह बड़ी मछली बच जायेगी.’’

Arjuna Ranatunga
                                         फोटो : Twitter Screen Grab

इस वृतचित्र में आरोप लगाया गया है कि श्रीलंकाई खिलाड़ी और मैदानकर्मी पिच से छेड़छाड़ के षड्यंत्र में शामिल थे तथा भारत और इंग्लैंड तथा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट के दौरान स्पाट फिक्सिंग की गयी थी.

गाले स्टेडियम पर हुए उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच तीन दिन के अंदर गंवा दिया था. गाले के मैदानकर्मी थरंगा इंडिका और पेशेवर क्रिकेटर थारिंदु मेंडिस ने इंग्लैंड के खिलाफ नवंबर में होने वाले टेस्ट मैच के लिए भी पिच को इस तरह से तैयार करने की बात कही जिससे मैच का परिणाम चार दिन के अंदर आ जाए.

रणतुंगा ने श्रीलंका क्रिकेट के खिलाफ पिछली शिकायतों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई से बहुत निराश हूं.’’ वह बीते समय में भी श्रीलंका क्रिकेट के अध्यक्ष तिलंगा सुमतिपाला पर जुआ खेलने में शामिल होने के लिये आईसीसी नियमों का उल्लघंन करने का आरोप लगा चुके हैं. हालांकि इस राजनेता और व्यवसायी ने इन आरोपों से इनकार किया था.

रणतुंगा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘अगर वे यह नहीं देख सकते कि श्रीलंका में क्या हो रहा है तो उन्हें इस भ्रष्टाचार रोधी इकाई में शामिल नहीं होना चाहिए.’’

इससे पहले श्रीलंका के क्रिकेट बोर्ड ने गाले स्टेडियम पर पिच से छेड़छाड़ के आरोपों के बारे में मंगलवार को कहा कि इन पर विश्वास करना मुश्किल है लेकिन उसने अंतरराष्ट्रीय जांच में पूरी तरह से सहयोग करने पर सहमति जताई थी. बोर्ड के उपाध्यक्ष मोहन डिसिल्वा ने कहा था कि कप्तानों, अंपायरों और रेफरी ने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच 2016 के मैच के दौरान गाले पिच को लेकर शिकायत नहीं की थी.

श्रीलंका ने पहले दो को हटाया, फिर कहा- पिच फिक्सिंग के दावे पर भरोसा मुश्किल
                                                श्रीलंका क्रिकेट के सीईओ एशले डि सिल्वा ने पिच फिक्सिंग जांच में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की बात की थी (फोटो : Reuters)

उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, ‘‘इस टेस्ट की जांच करने की कोई जरूरत नहीं है. खिलाड़ियों ने शिकायत नहीं की है. कप्तानों की रिपोर्ट, अंपायरों की रिपोर्ट और मैच रेफरी की रिपोर्ट में पिच को लेकर कुछ नहीं कहा गया है.’’ डिसिल्वा ने कहा, ‘‘पिच को लेकर कुछ भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया नहीं मिली है. इस पर विश्वास करना मुश्किल है कि कुछ गड़बड़ हुई थी.’’

 

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