संविधान दिवस: CJI बोले- गरीबों की आवाज है हमारा संविधान, रविशंकर प्रसाद ने कहा- ‘हमारे DNA में लोकतंत्र’

नई दिल्ली। पूरे देश में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है. संविधान दिवस के मौके पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि यह गर्व की बात है कि हमारे संविधान ने पिछले सात दशकों में बड़ी ताकत के साथ जीता है. रंजन गोगोई ने कहा कि भारतीय संविधान संकट के समय में हमारा मार्गदर्शन करता है.

गरीबों की आवाज है संविधान
रंजन गोगोई ने कहा कि आजादी के 70 सालों में हर परिस्थिति में संविधान ने गरीबों की आवाज को उठाया है. उन्होंने कहा कि हमें संविधान की आवाज सुननी चाहिए नहीं तो विरोधी मतों का शोर अराजकता फैला देगा. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को महान करने में 7 दशक यानि की 70 साल का समय लगा है, हमें इसकी महत्ता को समझना चाहिए.

संवैधानिक नैतिकता स्पष्ट रूप से परिभाषित हो- रविशंकर प्रसाद
संविधान दिवस पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा संवैधानिक नैतिकता स्पष्ट रूप से परिभाषित होनी चाहिए यह अलग अलग न्यायाधीश के हिसाब से भिन्न नही हो सकती. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 26/11 हमले को याद करते हुए कहा कि निर्दोष नागरिक मारे गए, उनके परिवारों को तकलीफ उठानी पड़ी ऐसे में हमें ऐसी स्थिति से लोगों को बचाना है.

राष्ट्रपति ने की सीजेआई की तारीफ
राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसलों की प्रति हिन्दी मे उपलब्ध कराने के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रयास की सराहना करते हुए ये भी कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि हाईकोर्ट भी अगले वर्ष तक फ़ैसले क्षेत्रीय भाषा मे उपलब्ध करा देंगे.राष्ट्रपति ने कहा कि पालिटिकल जस्टिस सिर्फ निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव व सभी को मताधिकार हक देने भर से पूरा नहीं हो जाता बल्कि चुनाव प्रचार के ख़र्च मे पारदर्शिता लाना भी पालिटिकल जस्टिस का एक उदाहरण है जो कि सरकार करने का प्रयास कर रही है.

26/11 की घटना का किया जिक्र
दिल्ली के विज्ञान भवन में संविधान दिवस उद्घाटन समारोह की शुरुआत 26/11 आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि देने से हुई. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी लोकुर ने 26/11 आतंकी हमले को याद किया. मुंबई हमले को याद करते हुए लोकुर ने कहा कि इसके बाद हमें और भी ज्यादा सावधान और सतर्क रहने की आवश्यकता है.

1.3 अरब लोगों का जश्न
जस्टिस लोकुर ने कहा कि संविधान दिवस 1.3 अरब लोगों का जश्न है. उन्होंने कहा कि संविधान न सिर्फ लोगों की आवाज बनता है, बल्कि लिंग, धर्म आदि से परे संविधान लोगों को संरक्षण देता है.

 

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