संसद में क्यों कहा जाता था- मणिशंकर चुप हो जाइए, नहीं तो अमर सिंह आ जाएंगे

नई दिल्ली। कांग्रेस से निलंबित मणिशंकर अय्यर सियासी गलियारों में चर्चा के केंद्र में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बदजुबानी करने के बाद उन्हें कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार की शाम को निलंबित कर दिया. लेकिन, मणिशंकर की बदजुबानी की कथा नई नहीं है. समाजवादी पार्टी के पूर्व अमर सिंह ने मणिशंकर अय्यर से जुड़ा एक किस्सा सुनाया है.

नरेंद्र मोदी पर मणिशंकर अय्यर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए अमर सिंह ने कहा कि इस देश के अनेक नेता मणि पीड़ित हैं, इनमें उमा भारती, स्वर्गीय जयललिता और तमाम बड़े नाम हैं. अमर सिंह ने कहा कि मैं स्वयं मणि पीड़ित हूं.

एक किस्सा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री आईके गुजरात के भाई सतीश गुजरात साब के निवास पर एक भोज था. अमर सिंह ने आगे कहा, मद्यपान करके… नशे में चूर मदमस्त आधे घंटे इतनी क्रूर बातें वो कर रहे थे कि हमारी और उनकी एक ऐतिहासिक झड़प हुई.

सिंह ने कहा कि और उस झड़प ने पूरे राष्ट्र में इतनी प्रसिद्धि पाई कि जब मणिशंकर अय्यर संसद के प्रांगण में किसी को बेइज्जत करने खड़े होते तो बीजेपी के सदस्य कहते थे ‘मणि बैठ जा नहीं तो अमर सिंह आ जाएगा.’

बता दें कि नरेंद्र मोदी को नीच कहने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिशंकर अय्यर से माफी मांगने को कहा था. इसके बाद अय्यर ने माफी तो मांगी, लेकिन उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया.

मणिशंकर बोले- कोई भी सजा मंजूर

निलंबन के बाद मणिशंकर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर मेरे बयान से कांग्रेस पार्टी को किसी भी तरह का नुकसान हुआ है, तो मुझे बहुत दुख है. मेरा ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था. कांग्रेस पार्टी मुझे कोई भी सजा देगी, मुझे मंजूर है.

 

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