सचिवालय में कुत्ते चबा गए अहम फाइलें, साजिश या हादसा!
तहलका एक्सप्रेस प्रतिनिधि, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सचिवालय में मधुमक्खी व बंदरों के बाद अब कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। शुक्रवार की शाम सचिवालय के शिक्षा अनुभाग में बंद हुए दो कुत्तों ने कई अनुभागों की पत्रावलियां नोच डालीं। कुत्तों के अनुभाग में बंद होने की जानकारी रविवार की दोपहर तब हुई जब एक फर्राश नियमित निगरानी के लिए अनुभाग कक्ष के सामने से गुजरा। मामले की जानकारी होने के बाद सचिवालय के सुरक्षाधिकारी ने शिक्षा अनुभाग नौ खुलवाया तो वहां से दो कुत्ते बाहर निकले। प्रारंभिक जांच में शिक्षा विभाग के अनुभाग नौ व 12 तथा उससे सटे कर्मिक विभाग के अनुभाग एक की दर्जनों फाइलें नुची व बिखरी मिलीं। इसमें कौन सी फाइले हैं और कितनी महत्वपूर्ण है इसकी जानकारी सोमवार को अनुभाग के अधिकारियों के आने के बाद ही पता चलेगा।
सूत्र बता रहे हैं कि शुक्रवार शाम जब सचिवालय के मुख्य भवन के कमरे रोजाना की तरह बंद किए गए तो कार्मिक विभाग के अनुभाग एक व शिक्षा विभाग के अनुभाग नौ के कक्षों में दो कुत्ते रह गए। शनिवार व रविवार को सचिवालय अवकाश के कारण बंद रहता है। रविवार दोपहर उधर से गुजरते चपरासी ने कमरों के अंदर से कुत्तों के भौंकने की आवाजें सुनीं। उसने सचिवालय सुरक्षा के निरीक्षक को जानकारी दी। कुछ देर बाद वहां माध्यमिक शिक्षा विभाग व सचिवालय प्रशासन के अधिकारी पहुंचे। कमरों का ताला खुलवाया गया तो दो कुत्ते तेजी से बाहर निकल भागे। अंदर तमाम फाइलें अस्त-व्यस्त जमीन पर पड़ी थीं। कई फाइलें फटी-बिखरी पाई गईं। अब सोमवार को जब सचिवालय खुलेगा तब संबंधित अधिकारी बता पाएंगे कि फटी फाइलें कि न मामलों से जुड़ी थीं और उनकी क्या अहमियत थी?
इससे पहले बीते वर्ष बापू भवन के चौथे तल पर एक आईएएस अधिकारी व मंत्री के कमरों में घुसे बंदरों ने काफी उत्पात मचाया था और कई महत्वपूर्ण पत्रावलियां नष्ट कर दी थीं। सचिवालय संघ के अध्यक्ष यादवेंद्र मिश्र ने बताया कि इतना ही नहीं बापू भवन की ऊपरी मंजिलों में मधुमक्खियों का आतंक इतना हो गया कि सभी तलों की बाहर की ओर खुलने वाली खिड़कियों व दरवाजों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। यह महज कुत्तों का आतंक नहीं कहा जता सकता। जैसे ये कुत्ते अनुभाग में बंद हो गए उसी तरह कोई व्यक्ति या अराजक तत्व भी कक्ष में घुस कर बैठ सकता है। यह तो कक्ष बंद करने वाले की जिम्मेदारी बनती है।
कर्मचारियों में चर्चा है कि कुत्ते की आड़ में साजिश भी हो सकती है। स्वास्थ्य भवन में आग लग रही है और सचिवालय में कुत्ता फाइलें नोच रहा है। चर्चा है कि उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव से जुड़ी फाइल भी कार्मिक विभाग में खराब हो गई। जब प्रमुख सचिव कार्मिक राजीव कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ऐसी कोई जानकारी नहीं है।
सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था सूबे में सबसे सुरक्षित मानी जाती है। यहां पास देखकर ही प्रवेश दिया जाता है। वहीं, कमरों को खोलने व बंद करने के लिए फर्रास रखे गए हैं। अनुभाग अधिकारियों या कर्मचारियों के जाते समय फर्रास को बुलाकर कमरे बंद करवाये जाते हैं, ताकि सभी फाइलें सुरक्षित रहें। वैसे तो सचिवालय शनिवार व रविवार को बंद रहता है, लेकिन जरूरत के आधार पर अधिकारी और कर्मचारी इसे खुलवाने के साथ बंद कर सकते हैं। यहां की सुरक्षा गार्डों के हवाले रहती है। अब असवाल यह उठता है कि ऐसे में कुत्ते कैसे घुस गए और फिर उसने जो उत्पात कटा उसे तो देख कर यही लगता है कि कहीं यह कोई साजिश तो नहीं?
फिलहाल इस मामले सचिवालय प्रशासन के सचिव प्रभात मित्तल ने कहा है कि घटना को गंभीरता से लिया गया है। दो अनुभाग अधिकारियों व चपरासी से स्पष्टीकरण मांगा गया है। नगर निगम से कहा गया है कि वह सचिवालय में विशेष दस्ता भेज कर कुत्तों को पकड़ने का अभियान चलाए।
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