सट्टेबाजी के अंदेशे से चीन के बाजार में अफरातफरी, 189 लाख करोड़ रु. की लगी चपत

china-stocks-downसट्टेबाजी के अंदेशे से चीन के कैपिटल मार्केट में भूचाल आ गया है। चीन के कैपिटल मार्केट रेगुलेटर ने सट्टेबाजी की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, इस बीच रिटेल इनवेस्‍टर्स को 3 लाख करोड़ डॉलर (189 लाख करोड़ रुपए) की चपत लग चुकी है। यह राशि ब्राजील की जीडीपी से भी ज्यादा है। कारोबारी हफ्ते के आखिरी दिन चीन का प्रमुख इंडेक्‍स शंघाई 7 फीसदी से अधिक की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ।विदेशी ब्रोकरेज हाउस चीन के बाजारों को लेकर पहले ही चिंता जाहिर कर चुके हैं। ज्यादातर ने अपनी रिपोर्ट में चीन के बाजारों में एक ‘बबल’ बनने की बात कही थी। चीन के बाजार में आई इस गिरावट का फायदा भारत के बाजारों को मिल सकता है। एक्‍सपर्ट मानते हैं कि विदेशी निवेशक (एफआईआई) चीन के बाजार से भारतीय बाजारों का रुख करेंगे।
चीन के बाजार का रेग्युलेटर सीएसआरसी (चाइन सिक्योरिटी रेग्युलेटरी कमीशन) ने शेयर बाजार में हाल की गिरावट की जांच के आदेश दिए हैं। माना जा रहा है कि बाजार की गिरावट के पीछे बड़ी सट्टेबाजी जिम्मेदार है। सीएसआरसी ने अपने बयान में कहा है मामले में शामिल लोगों पर कानून के मुताबिक का कार्रवाई की जाएगी। चीन के फाइनेंशियल फ्यूचर्स एक्सचेंज ने बीते एक महीने में 19 अकाउंट को शॉर्ट सैलिंग के चलते बंद कर दिया है।
इंडेक्स ने तोड़े मनोवैज्ञानिक स्तर
बाजार के टेक्निकल एनालिस्ट कहते हैं कि चीन के इंडेक्स शंघाई ने 4000 का महत्वपूर्ण स्तर तोड़ दिया है। जो कि लंबी अवधि के लिए महत्वपूर्ण सपोर्ट था। अब बाजार की नजरें 3400 पर टिकी हैं। मार्केट ट्रेडर्स डैरिल गपी कहते हैं कि अगर शंघाई इंडेक्स 3400 का स्तर तोड़ता है, तो अगला सपोर्ट 3000 का होगा।
बीते 8 महीने से जारी था बुल रन
चीन के बाजार में करीब 8 महीने की तेजी थमती हुई नजर आ रही है। बीते आठ महीने से जारी बुल रन के चलते चीन के स्टॉक मार्केट दुनिया के बेस्ट परफॉर्मिंग मार्केट बन गए थे। पिछले 12 महीने में मार्केट में 140 फीसदी से अधिक बढ़त दर्ज की गई है। ऐसे में बाजार के जानकारों से लेकर बड़े बोक्ररेज हाउस का कहना है कि साल के दूसरे हाफ में बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है। क्योंकि कमजोर ट्रिगर और फेड द्वारा ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने से मुनाफावसूली का दौर जारी रह सकता है।
 चीन में गिरावट से भारत को फायदा
घरेलू ब्रोकरेज हाउस की रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक नजरिए से ग्रीस का भारत पर ज्यादा असर नहीं होगा। लेकिन ग्रीस संकट के चलते आगे कुछ और दिनों तक बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। चीन में एफआईआई निवेश कम होगा जिससे भारतीय बाजारों को फायदा होगा। साथ ही चीन के बाजारों में अनिश्चितता बनी रहेगी।
 भारत निवेशकों की पहली पसंद
बैंक ऑफ अमेरिका मैरिल लिंच ने जुलाई के लिए ग्लोबल फंड मैनजर्स के बीच सर्वे कराया है। जिसमें उन्होंने उभरते बाजारों में भारत को निवेश के लिए सबसे ज्यादा पसंदीदा देश माना गया है। साथ ही सर्वे में मैनेजर्स य‍ह भी मानते हैं कि चीन के बाजारों में एक बबल बन रहा है। भारतीय शेयर बाजार रिकॉर्ड स्तरों से करीब 14 फीसदी टूट चुके हैं, लेकिन बैंक ऑफ अमेरिका मैरिल लिंच के सर्वे के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में उठाए जा रहे कदमों से अगले छह महीने में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है। इसीलिए निवेशकों का भारत पर भरोसा बढ़ रहा है।
 

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