सफाईकर्मी हड़ताल पर केजरीवाल ने लिखी जनता को चिट्ठी
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले आठ दिनों से जारी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल पर अखबार में चिट्ठी लिखकर सफाई दी है। आम आदमी के नाम लिखी गई इस चिट्ठी में केजरीवाल ने सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का ठीकरा केंद्र सरकार, डीडीए और एमसीडी के सिर फोड़ा है।
बता दें कि सफाईकर्मी वेतन बढ़ाने, पुराना बकाया चुकाने व नियमित किए जाने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल के कारण शहर में जगह-जगह कूड़ा फैला हुआ है और आम जनता की हालत पस्त है। लोगों में इस हड़ताल और उसके कारण पेश आ रही मुश्किलों को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी शिकायतें थीं।
आज दिल्ली के सभी प्रमुख अखबारों में सीएम केजरीवाल की जनता के नाम यह लिखी यह चिट्ठी छपी है…
जनता की इन्हीं शिकायतों का जवाब देने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अखबारों में पूरे पन्ने का एक विज्ञापन निकाला है। इसमें सीएम की ओर से इस हड़ताल को लेकर अपनी और दिल्ली सरकार की स्थिति स्पष्ट की गई है। जनता के नाम लिखी चिट्ठी में उन्होंने सफाईकर्मियों की हड़ताल का सारा दोष एमसीडी पर मढ़ा है।
उन्होंने जनता के सामने साफ किया है कि दिल्ली सरकार पर एमसीडी का कोई बकाया नहीं है। इस चिट्ठी में कहा गया है कि दिल्ली सरकार की ओर से सफाई कर्मचारियों को वेतन भी दे दिया गया है। चिट्ठी में लिखा है, ‘हड़ताल के बारे में कुछ गलतफहमियां हैं। मेरा फर्ज है कि मैं स्थिति स्पष्ट करूं। लोगों को गलतफहमी है कि नगर निगम दिल्ली सरकार के अंडर आती है। यह सरासर गलत है।’
जनता के नाम सीएम केजरीवाल की इस चिट्ठी में हड़ताल के बारे में स्पष्ट करते हुए लिखा गया है, ‘दिल्ली सरकार को हर वर्ष नगर निगमों को अपने खर्च के लिए कुछ पैसा देना होता है। कितना पैसा देना है यह साफ-साफ कानून में लिखा है। दिल्ली सरकार अपने हिस्से का पूरा पैसा नगर निगमों को दे चुकी है। यहां तक कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कहीं ज्यादा पैसा दिया गया है। पिछले साल के मुकाबले दिल्ली सरकार ने 511 करोड़ रुपये ज्यादा दिए हैं।’
अखबार में छपी इस चिट्ठी में आगे सफाईकर्मियों की मांगों के बारे में तस्वीर साफ करते हुए लिखा है, ‘लोगों में यह गलतफहमी है कि मौजूदा हड़ताल सफाईकर्मियों की तनख्वाह न मिलने की वजह से है। यग गलत है। सफाईकर्मियों को सितंबर महीने तक की तनख्वाह मिल चुकी है। यह हड़ताल कर्मचारियों को नियमित करने, उनके 10-15 साल पुराने बकाया चुकाने एवं अन्य कुछ मांगों को लेकर है।’
चिट्ठी में केंद्र सरकार की भूमिका व जिम्मेदारी तय करते हुए लिखा गया है, ‘नगर निगम को डीडीए से करीब 1500 करोड़ रुपये का संपत्ति टैक्स लेना है। नगर निगम और डीडीए दोनों केंद्र सरकार के अधीन है। हमारा निवेदन है कि डीडीए से नगर निगम को तुरंत पैसा दिलाया जाए।’
सीएम केजरीवाल ने अपनी चिट्ठी में तीनों निगमों से सफाईकर्मियों की मांगों को जल्द-से-जल्द लागू करने की अपील करते हुए सफाईकर्मियों से जनता को हो रही तकलीफों के मद्देनजर अपनी हड़ताल वापस लेने की अपील की है।
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