सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव का बनाया वीडियो, डाक्टर और PHC को बदनाम करने के लिए नर्स ने किया यह काण्ड

tahalka3_1_2लखनऊ। राजधानी लखनऊ से सटे जिले बछरावां के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के दौरान वीडियो बनाने का मामला स्वास्थ्य विभाग के गले की हड्डी बनता जा रहा है. इस वीडियो के बनाए जाने में स्वास्थ्य केन्द्र की स्टाफ नर्स विमला विक्टर और प्रसव करा रहे कर्मचारियों का पूरा सहयोग स्पष्ट नज़र आ रहा है. वीडियो में उनके चेहरे और आवाज़ स्पष्ट सुनाई दे रही है और यह साफ़ तौर पर नज़र आ रहा है कि इस वीडियो को बनाए जाने में उनकी सहमति शामिल है. मामला प्रकाश में आने के बाद तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।

बछरावां के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के दौरान वीडियो बनाने का मकसद यह दिखाना है कि इस स्वास्थ्य केन्द्र की ऐसी स्थिति है कि यहाँ के स्टाफ को टार्च की रौशनी में प्रसव कराना पड़ता है. प्रसव का वीडियो वायरल हुआ तो स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक एस.के. चौहान जांच करने बछरावां पहुंचे. उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों से इस मुद्दे पर पूछताछ की।

इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर जनरेटर और इनवर्टर दोनों मौजूद है. जनरेटर में डीज़ल भी मौजूद पाया गया. अगर स्वास्थ्य केन्द्र पर इतनी देर तक बिजली न आये कि इनवर्टर भी जवाब दे जाए तो ऐसे में जनरेटर का इस्तेमाल किया जाता है. बावजूद इसके टार्च की रौशनी में प्रसव कराया गया. इस मामले में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जिस समय स्टाफ नर्स ने यह प्रसव कराया उस समय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉ. सुप्रिया सिंह अपनी ड्यूटी पर मौजूद थीं लेकिन उन्हें प्रसव की सूचना नहीं दी गई।

जानकारी मिली है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्टाफ ने प्रसव के दौरान ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर को सूचना इसलिए नहीं दी क्योंकि इस प्रसव को अँधेरे में टार्च की रौशनी में कराते हुए वीडियो बनाना था. स्वास्थ्य केन्द्र के कर्मचारियों की अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा करने के मकसद से की गई इस हरकत की वजह से प्रसव के लिए गई महिला की प्राइवेसी भंग हुई है. यह सीधे तौर पर अपराध की श्रेणी में आता है।

संयुक्त निदेशक की पड़ताल में यह पता चला है कि ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर सुप्रिया सिंह को प्रसव की जानकारी नहीं दी गई. संयुक्त निदेशक ने अपनी जांच में कर्मचारियों की साज़िश को महसूस करने के बाद प्रसूता के गाँव जाकर उससे और उसके परिजनों का बयान भी लिया है।

समझा जा रहा है कि प्रसूता की प्राइवेसी को भंग करने, ड्यूटी पर मौजूद डाक्टर को प्रसव के बारे में सूचित न करने, जनरेटर और इनवर्टर होने के बावजूद टार्च की रौशनी में प्रसव कराने और उसका वीडियो बनाकर उसे वायरल कर देने के अपराध में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के कई कर्मचारियों पर गाज गिर सकती है. तहलका न्यूज़ के पास वह वीडियो मौजूद है. प्रसूता की प्रतिष्ठा के मद्देनज़र उसकी पहचान हम स्पष्ट नहीं करना चाहते। स्वास्थ्य सूत्रों के अनुसार स्टाफ नर्स विमला विक्टर के अलावा आया रंजना पाण्डेय और वार्ड आया को निलंबित कर दिया दिया गया है.

 

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