सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्‍यों की हुर्रियत नेताओं से मिलने की कोशिशें हुईं विफल

tahalka3_1_2श्रीनगर: कश्‍मीर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्‍यों ने टीमों में विभाजित होकर अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं से मिलने की कोशिशें कीं, लेकिन हर जगह उनको खाली हाथ ही लौटना पड़ा.

एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी चश्‍मे-शाही जेल में ”राजनीतिक समाधान के अपने छोटे से प्रयास के तहत” मीरवाइज उमर फारुख से मुलाकात करने पहुंचे. मीरवाइज उनसे चंद मिनटों के लिए मिले लेकिन डॉयलाग से इनकार कर दिया. ओवैसी ने कहा, मीरवाइज ”इस पूरी स्थिति से बहुत व्‍यथित हैं”.

वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा एवं जदयू के शरद यादव पृथकतावादी नेता यासीन मलिक से मिलने हुमहामा पुलिस स्‍टेशन पहुंचे. यहीं पर मलिक बंद हैं लेकिन मलिक ने उनसे बात करने से मना कर दिया. उसके बाद ये लोग हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिलने पहुंचे. वह हैदरपुरा में हाउस अरेस्‍ट हैं. लेकिन इन लोगों को घर में प्रवेश नहीं करने दिया गया.

इससे पहले जम्मू कश्मीर में शांति बहाली के तहत महबूबा मुफ्ती का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत का न्यौता हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने ठुकरा दिया. हुर्रियत की ओर से एक साझा बयान जारी कर इस पेशकश को ठुकरा दिया.

 हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गीलानी, मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ और मोहम्मद यासीन मलिक ने एक साझा बयान में कहा है कि कि जिस प्रतिनिधिमंडल ने ये साफ़ नहीं किया है कि उसका क्या एजेंडा है और उसके हाथ में कितना अधिकार है और उससे बातचीत का क्या फ़ायदा.

जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस समेत सभी पक्षों को बातचीत का न्यौता भेजा था. महबूबा ने पीडीपी अध्यक्ष के तौर पर ख़त लिखा. वहीं अलगाववादियों का कहना है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिनिमंडल कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मान कर बातचीत के लिए आ रहा है, ऐसे में बात करने का कोई फ़ायदा नहीं है.

 

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